साल 2023 में भारत ने बिजली पैदा करने की अपनी क्षमता में 17,960 मेगावाट का इजाफा किया. इसमें से 72.3 फीसद का इजाफा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से किया गया. मौजूदा समय में भारत में (दुनिया के कई अन्य देशों की तरह ही) सूर्य की रोशनी से मिलने वाली बिजली सबसे सस्ती है. हालांकि, ऐसा सिर्फ तभी मुमकिन है जब तक सूरज चमक रहा हो. यह नवीकरणीय ऊर्जा, खासकर सौर और पवन ऊर्जा के संबंध में एक बड़ी चुनौती को ही रेखांकित करता है. खासतौर पर विकासशील देशों में जहां दिन और रात दोनों ही समय बिजली की मांग बढ़ रही है.
बहरहाल, आगे की योजनाएं बनाते समय एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि क्या हम सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान दें (इस स्थिति में रात के समय क्या होगा, तब तो हमें बिजली नहीं मिलेगी) या फिर सौर ऊर्जा के साथ-साथ जीवाश्म ईंधन से चलने वाले बिजलीघर भी बनाएं (लेकिन इससे सभी के लिए बिजली महंगी होगी) ? लेकिन विकसित देशों में ऐसा नहीं है. उन्हें अपनी बिजली उत्पादन क्षमता को और बढ़ाने की जरूरत नहीं है. इसलिए सूरज न चमकने या हवा न चलने की स्थिति में वे अपनी मौजूदा बिजली व्यवस्था की मदद ले सकते हैं.
この記事は India Today Hindi の August 28, 2024 版に掲載されています。
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