यह पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) के बीच का रास्ता तलाशने की कोशिश करती है. दो दशक पहले अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई वाली भाजपा सरकार के दौरान इस विवादास्पद नई योजना के आने के बाद ओपीएस को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिया गया था. यूपीएस का फायदा करीब 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और इसमें शामिल होने वाले राज्य के कर्मचारियों को मिलने की उम्मीद है. कर्मचारियों के साथ-साथ रिटायर हो चुके लोगों को भी यूपीएस को चुनने या बाजार से जुड़ी अंशदायी योजना एनपीएस को जारी रखने का विकल्प होगा.
विपक्ष ने केंद्र सरकार पर लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद एक और 'यू-टर्न' लेने का आरोप लगाया, जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे "लचीले और विकल्प देने वाले राजकाज" की निशानी बताया. इससे मोदी 3.0 सरकार पर पहले ही साल 6,250 करोड़ रु. का खर्च पड़ने का अनुमान है.
この記事は India Today Hindi の September 11, 2024 版に掲載されています。
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