असम के गुवाहाटी में पटाखों और माचिस का कारोबार करने वाले राम विनोद कुमर का रिश्ता बिहार के दरभंगा में अपने पैतृक गांव कन्है से कम ही रहता था. कोई जरूरी काम सिर पर आ जाता तभी वे दो-तीन दिन के लिए गांव आते. मगर इस साल 23 अगस्त को जब वे अपने गांव आए हैं, तब से उनका गांव उन्हें छोड़ ही नहीं रहा. दरअसल, बिहार सरकार ने जब से बिहार विशेष भू-सर्वेक्षण के तहत भूस्वामियों से जमीन के कागजात और वंशावली जमा करने के लिए कहा है, तब से उनकी दुनिया ही बदल गई है. अपनी जमीन के कागजात जुटाने वे कभी रिकॉर्ड रूम जा रहे, तो कभी राज दरभंगा के दफ्तर, कभी सर्वेयर के कैंप कार्यालय तो कभी अमीन से सलाह ले रहे. दीवाली सिर पर है, मगर इस साल कौन से पटाखे बेचे जाएंगे, उन्हें इसका होश नहीं है.
अपनी व्यथा बताते हुए 53 साल के कुमर कहते हैं, "दरअसल मेरे दादा और मेरे पिता को जमीन-जायदाद के मामले में रुचि नहीं थी, जबकि हमारे पास अच्छी खासी पुश्तैनी जमीन थी. अब जब सरकार ने हमसे जमीन के कागजात मांगे तो मुझे पता ही नहीं था कि हमारे पास कहां-कहां कितनी जमीन है, और उसके कागजात कहां हैं. बीते एक महीने से दौड़ रहा हूं. पता चला कि नए सर्वे के बाद हमारे परदादा के पास 50 एकड़ जमीन बची थी, जिसमें अभी तक सिर्फ 23-24 एकड़ जमीन के कागजात मिले हैं." तिस पर रिश्वतखोरी से भी वे हलकान हैं. कुमर के ही शब्दों में, "हर जगह पैसों की भारी मांग है. राज दरभंगा ने हमारे परिवार को कुछ जमीन बंदोबस्त की दी थी. उनके स्टाफ के लोग कागज उपलब्ध कराने के बदले 40,000-50,000 रुपए मांग रहे हैं. रिकॉर्ड रूम में जो कागज हैं, उसके लिए 10,000-15,000 रुपए की मांग की जा रही है. हम लोगों ने अलग से एक प्राइवेट अमीन रख रखा है, जो इस मामले को देख रहा है. इसके बाद भी मसला सुलझा नहीं है. अभी न जाने कितना टाइम और लगेगा."
この記事は India Today Hindi の 16th October, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は India Today Hindi の 16th October, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
पिता की याद सताती है
अशोक नाग की किताब रे ऑन रे में महान हस्ती और अपने पिता सत्यजित रे के कई अनजान पहलुओं को सामने लाए फिल्मकार संदीप रे
खेत-खलिहान के म्यूजिकल खलीफा
रीमा दास की फिल्म विलेज रॉकस्टार्स की सीक्वल बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में वर्ल्ड प्रीमियर के लिए तैयार
पहले से सिंपल और अब हल्की भी
नई आर 1300 जीएस सादगी के मामले में डिजाइन इंजीनियर कॉलिन चैपमैन की सोच को सड़क पर लाने वाली. इसने जीएस ब्रांड को चलाना ज्यादा आरामदेह और आसान बनाया
मर्सिडीज की ईक्यूए
मर्सिडीज बेंज ईक्यूए भारत में आ गई है और मूलतः यह इलेक्ट्रिक इंजन वाली जीएलए ही है
परिवार के माकूल
महिंद्रा ने थार के डीएनए को बरकरार रखते हुए इसे कुछ ज्यादा लग्जरी शानदार और व्यावहारिक बनाने की कोशिश की है. क्या यह कामयाब है?
ईवी के बारे में जानने लायक पांच बातें
इलेक्ट्रिक वाहन को उतना बार-बार चार्ज नहीं करना पड़ता जितना मान लिया गया है, ये सभी भूभागों के लिए सुरक्षित हैं और कम लागत व पर्यावरण के फायदों की वजह से परिवार की प्राथमिक कार होनी चाहिए
अब हॉस्टल तबेले में तब्दील होने की नौबत
कोचिंग का मक्का बने शहर में बदलने लगा हवा का रुख. ढाई लाख सालाना के मुकाबले इस साल आधे छात्र ही आए. भारी निवेश कर चुके हॉस्टल संचालकों ने पकड़ा माथा
बात करने वाले यंत्र बने मौत के औजार
हिजबुल्ला को निशाना बनाने के लिए जिस सधे अंदाज में पेजर हमले किए गए, उससे भयावह साइबर काइनेटिक जंग का अंदेशा बढ़ गया है. इसमें बड़े पैमाने पर संचार तकनीक को भौतिक विनाश साधन बनाया जा सकता है. भारत के लिए खतरा बड़ा है क्योंकि इसकी ज्यादातर कनेक्टेड डिवाइसेज चीन में या दूसरे देशों में बने उपकरणों पर निर्भर
पूरा प्रदेश तलाश रहा जमीन के कागजात
रिकॉर्ड को अपडेट करने और जमीन के झगड़े खत्म करने के मकसद से किया जा रहा विशेष भूमि सर्वेक्षण सरकार और रैयत दोनों के लिए बन रहा मुसीबत. सरकार ने जनता से उसकी जमीन के दस्तावेज मांग लिए हैं, जबकि उसके पास खुद के दस्तावेज या तो मौजूद नहीं या फिर उनकी हालत खस्ता
विवादों के बुखार से बेहाल
इस प्रतिष्ठित चिकित्सा केंद्र में नौ महीनों के भीतर हटाए गए दो निदेशक उद्घाटन के 33 महीने बाद भी नहीं शुरु हो पाईं सुपरस्पेशिएलिटी सेवाएं