झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 अक्तूबर को राजधानी रांची में पत्रकारों के सामने एक अहम जानकारी साझा की कि उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ( झामुमो) और कांग्रेस राज्य की कुल 81 विधानसभा सीटों में 70 पर चुनाव लड़ेंगी जबकि सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वामपंथी पार्टियां बाकी 11 सीटों पर लड़ेंगी. उम्मीदवारों के बारे में मुख्यमंत्री ने इतना ही कहा कि "अभी इन चीजों का खुलासा नहीं किया जा सकता.' "
इसके विपरीत एनडीए ने सीटों के बंटवारे या उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए ऐसी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई. भाजपा 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि सुदेश महतो की अगुआई वाली ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन ( आजसू ) 10, जनता दल (यूनाइटेड) या जद (यू) दो, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी या लोजपा (रामविलास ) एक सीट पर उम्मीदवार उतारेंगी. भाजपा ने तो 66 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है.
राज्य में मतदान 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होना है और नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे. झारखंड के 24 साल के इतिहास में यह छठा विधानसभा चुनाव है. इन 24 साल में राज्य 13 अलग-अलग मौकों पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर सात चेहरे और राष्ट्रपति शासन के तीन दौर देख चुका है. भाजपा के रघुबर दास अकेले मुख्यमंत्री थे जो 2014 से शुरू अपना कार्यकाल पूरा कर पाए. 2005 की विधानसभा के पांच साल ने तीन मुख्यमंत्री देखे. कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाई है.
यह बात हेमंत सोरेन के दिमाग में भी बेशक बहुत ज्यादा तारी होगी क्योंकि गठबंधन के बहुमत हासिल करने के बावजूद उथल-पुथल भरे पांच साल के बाद वे फिर से चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतर रहे हैं. कथित सेंध लगाने की कोशिशों को नाकाम करने के लिए सोरेन को दो बार अपने विधायकों को छत्तीसगढ़ ले जाना पड़ा. फिर 2022 में कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में भारी नकदी के साथ पकड़े जाने के बाद अपने तीन विधायकों को निलंबित करना पड़ा. आखिर मेंदूसरे गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरह सोरेन ने भी पाया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां उनके पीछे पड़ी हैं. इससे रांची के बड़गई इलाके में 8.86 एकड़ जमीन के कथित जाली दस्तावेजों के मामले में उन्हें पांच महीने जेल में बिताने पड़े.
この記事は India Today Hindi の November 06, 2024 版に掲載されています。
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