उत्तराखंड मध्य हिमालय में दूर तक फैले हरी घास के खूबसूरत बुग्याल, अलौकिक हिमाच्छादित उच्च हिमालयी चोटियां, बांज, बुरांश, देवदार, शीशम, सागौन आदि के सघन वनों की मनोहारी अनमोल संपदा से गुलजार है। गंगायमुना के पवित्र उद्गम स्थान के साथ ही कई अन्य सदाबहार नदियों की जन्मस्थली, जैविक पर्वतीय अनाजों के उत्पादन के लिए माकूल पहाड़ी सीढ़ीनुमा कृषि भूमि और तलहटी में गेंहू, धान, गन्ना उत्पादन की प्रचुरता से यह संपन्न है। इसके बाद भी उत्तराखंड को आपदा प्रभावित राज्य माना जाता है। विकास के नाम पर अनियोजित और अनियंत्रित निर्माण, वनों का अवैध कटान आपदाओं को साफ तौर पर बढ़ावा देता दिख रहा है।
पिछले दो दशकों से देखा जा रहा है कि विकास कार्यों के लिए आवश्यक मानकों की अनदेखी लगातार की जा रही है। बिजली उत्पादन के लिए बड़े-बड़े बांध बनाए गए हैं। ऑलवेदर रोड के लिए पहाड़ों को बारूद से तोड़ा जा रहा है। पेड़ों का मनमाना कटान किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन बिछाने के लिए भी पहाड़ों में सुरंगें बनाई जा रही हैं और वनों को काटा जा रहा है। बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम को सुंदर बनाने लिए मास्टर प्लान लागू किया गया है। इसके लिए पहाड़ में बेतरतीब कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे हैं। केदारनाथ धाम जाने के लिए पूरी केदारघाटी में हेलीकॉप्टरों की गूंज से पहाड़ का वातावरण खराब हो रहा है।
この記事は Outlook Hindi の August 07, 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の August 07, 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
शहरनामा - मधेपुरा
बिहार के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित, अपनी ऐतिहासिक धरोहर, सांस्कृतिक वैभव और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध मधेपुरा कोसी नदी के किनारे बसा है, जिसे 'बिहार का शोक' कहा जाता है।
डाल्टनगंज '84
जब कोई ऐतिहासिक घटना समय के साथ महज राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का मुद्दा बनकर रह जाए, तब उसे एक अस्थापित लोकेशन से याद करना उस पर रचे गए विपुल साहित्य में एक अहम योगदान की गुंजाइश बनाता है।
गांधी के आईने में आज
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई के दो पात्र मुन्ना और गांधी का प्रेत चित्रपट से कृष्ण कुमार की नई पुस्तक थैंक यू, गांधी से अकादमिक विमर्श में जगह बना रहे हैं। आजाद भारत के शिक्षा विमर्श में शिक्षा शास्त्री कृष्ण कुमार की खास जगह है।
'मुझे ऐसा सिनेमा पसंद है जो सोचने पर मजबूर कर दे'
मूर्धन्य कलाकार मोहन अगाशे की शख्सियत के कई पहलू हैं। एक अभिनेता के बतौर उन्होंने समानांतर सिनेमा के कई प्रतिष्ठित निर्देशकों के साथ काम किया। घासीराम कोतवाल (1972) नाटक में अपनी भूमिका के लिए वे खास तौर से जाने जाते हैं। वे मनोचिकित्सक भी हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर उन्होंने कई फिल्में बनाई हैं। वे भारतीय फिल्म और टेलिविजन संस्थान (एफटीआइआइ) के निदेशक भी रह चुके हैं। उनके जीवन और काम के बारे में हाल ही में अरविंद दास ने उनसे बातचीत की। संपादित अंशः
एक शांत, समभाव, संकल्पबद्ध कारोबारी
कारोबारी दायरे के भीतर उन्हें विनम्र और संकोची व्यक्ति के रूप में जाना जाता था, जो धनबल का प्रदर्शन करने में दिलचस्पी नहीं रखता और पशु प्रेमी था
विरासत बन गई कोलकाता की ट्राम
दुनिया की सबसे पुरानी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में एक कोलकाता की ट्राम अब केवल सैलानियों के लिए चला करेगी
पाकिस्तानी गर्दिश
कभी क्रिकेट की बड़ी ताकत के चर्चित टीम की दुर्दशा से वहां खेल के वजूद पर ही संकट
नशे का नया ठिकाना
कीटनाशक के नाम पर नशीली दवा बनाने वाले कारखाने का भंडाफोड़
'करता कोई और है, नाम किसी और का लगता है'
मुंबई पर 2011 में हुए हमले के बाद पकड़े गए अजमल कसाब के खिलाफ सरकारी वकील रहे उज्ज्वल निकम 1993 के मुंबई बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन की हत्या जैसे हाइ-प्रोफाइल मामलों से जुड़े रहे हैं। कसाब के केस में बिरयानी पर दिए अपने एक विवादास्पद बयान से वे राष्ट्रीय सुर्खियों में आए थे। उन्होंने 2024 में भाजपा के टिकट पर उत्तर-मध्य मुंबई से लोकसभा चुनाव लड़ा और हार गए। लॉरेंस बिश्नोई के उदय और मुंबई के अंडरवर्ल्ड पर आउटलुक के लिए राजीव नयन चतुर्वेदी ने उनसे बातचीत की। संपादित अंश:
मायानगरी की सियासत में जरायम के नए चेहरे
मायापुरी में अपराध भी फिल्मी अंदाज में होते हैं, बस एक हत्या, और बी दशकों की कई जुर्म कथाओं पर चर्चा का बाजार गरम