!['मैंने कभी न रोना रोया, न हार मानी' 'मैंने कभी न रोना रोया, न हार मानी'](https://cdn.magzter.com/Outlook Hindi/1697600449/articles/9lCX5lIiw1697627800829/1697628020941.jpg)
हिंदी सिनेमा जगत में कुछ ऐसे फिल्म निर्देशक रहे हैं जिन्होंने भीड़ से अलग हटकर कुछ रचा है। उनका काम ही उनकी पहचान है। हंसल मेहता ऐसे ही निर्देशक हैं। शाहिद, अलीगढ़, सिटी लाइट्स, स्कैम 1992 और स्कूप जैसी फिल्मों से हंसल मेहता ने साबित किया है कि प्रबल इच्छाशक्ति हो, तो अपनी बात कहने में कोई रुकावट आड़े नहीं आती। हाल ही में हंसल मेहता द्वारा सह-निर्देशित वेब शो स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी सोनी लिव ऐप पर रिलीज हुई है। हंसल मेहता से उनके रचनात्मक सफर और जीवन के बारे में आउटलुक के मनीष पाण्डेय ने बातचीत की। मुख्य अंश:
आपके पिछले शो स्कूप को दर्शकों का प्यार मिला। हाल ही में रिलीज हुए स्कैम 2003: द तेलगी स्टोरी को भी दर्शक पसंद कर रहे हैं। आपके काम को स्वीकार्यता मिलती है तो कैसा लगता है?
この記事は Outlook Hindi の October 30, 2023 版に掲載されています。
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घाटी में पिछले दिनों सिलसिलेवार हुई उत्पीड़न और हत्या की घटनाओं ने उठाए अमन-चैन के केंद्र के दावे पर सवाल
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