वासना एक नदी का नाम है
सविता सिंह
प्रकाशक | वाणी
पृष्ठ: 100 | मूल्य: 225
वर्ष 2001 में प्रकाशित उनके पहले कविता-संग्रह ‘अपने जैसा जीवन’ में पाठकों ने सविता सिंह के रूप में उस आधुनिक स्त्री-चेतना को देखा जो अवसाद, चिंताओं, कामनाओं को परखने की काबिलियत रखती है। जिसके पास ऐसी स्त्री-दृष्टि है, जो पितृसत्तात्मक संरचना में अपनी भागीदारी को लेकर सवाल पूछती है और उस सवाल का जवाब देने का माद्दा भी रखती है।
この記事は Outlook Hindi の June 10, 2024 版に掲載されています。
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