राज्य के सियासी इतिहास के मद्देनजर यह घटनाक्रम कुछ तबकों में चिंता पैदा कर रहा है। इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाले परिणाम खडूर साहिब सीट से स्वघोषित खालिस्तानी अमृतपाल सिंह और फरीदकोट सीट से सरबजीत सिंह की बड़े अंतर से हुई जीत है। दोनों निर्दलीय उम्मीदवार थे। अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत फिलहाल असम की जेल में बंद हैं। सरबजीत सिंह 1984 में इंदिरा गांधी हत्याकांड से जुड़े रहे बेअंत सिंह के पोते हैं।
रवायती पार्टियों में कांग्रेस को इस आम चुनाव में सबसे ज्यादा आठ सीटें मिली हैं। बावजूद इसके कि भाजपा ने ऐन चुनाव के वक्त कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं और पूर्व सांसदों को अपने पाले में कर उम्मीदवार बनाया था, कांग्रेस का उभार हुआ है जबकि भाजपा की झोली बिलकुल खाली रही। पिछली बार के विधानसभा चुनावों में जीती सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी मात्र तीन सीट पर और अकाली दल एक सीट पर सिमट कर रह गया।
दरअसल 2020 के किसान आंदोलन और उसके पहले श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं से पंजाब में सत्ता विरोधी हवा लंबे समय से तेज बह रही है। गौर करें, तो पिछले विधानसभा चुनाव में 117 सदस्यीय सदन में आम आदमी पार्टी की लगभग एकतरफा 92 सीटों पर जीत और थोड़े समय बाद ही संगरूर लोकसभा उपचुनाव में सिमरनजीत सिंह मान की जीत भी कुछ ऐसा ही संदेश दे रही थी। बुजुर्ग सिमरनजीत सिंह मान सूबे में भिंडरावाले के दौर की चर्चित शख्सियत रहे हैं। इससे सत्ता विरोधी हवा के उग्र होने की पूरी आशंका है।
पंजाब का राजनीतिक इतिहास हिंसक रहा है, इसी के मद्देनजर कुछ तबकों के माथे पर चिंता की लकीरें लंबी हो रही हैं। मुख्यधारा की पार्टियां भी इसी को लेकर चिंतित हैं। साथ ही दो निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत का भारी अंतर भी पंथक राजनीति में नई संभावनाओं के खुलने का संकेत दे रहा है। खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह की जीत रिकॉर्ड 1.97 लाख मतों से हुई है। सरबजीत सिंह खालसा 70,000 मतों से जीते हैं।
この記事は Outlook Hindi の July 08, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の July 08, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी