मतदान के पहले चरण में 18 सितंबर को अपना वोट डालकर मतदान केंद्र से बाहर निकलते ही इल्तिजा मुफ्ती ने कश्मीरी में एक नारा लगाया, जिसका अर्थ था, ‘हम जीत गए, हम जीत गए।’ नारे का उच्चारण हालांकि गलत था। उनकी मां महबूबा मुफ्ती अपनी चुनावी सभाओं में कश्मीरियत की पहचान के अभिन्न अंग के तौर पर जब लगातार कश्मीरी भाषा पर जोर दे रही हों, ऐसे में इल्तिजा के गलत तलफ्फुज की ओर ध्यान जाना स्वाभाविक ही है। दिलचस्प है कि 20 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाटी के अपने दौरे पर जब कई कश्मीरी शब्द बोले, तो कई लोग बेसाख्ता यह कह पड़े कि उनका उच्चारण तो उमर अब्दुल्ला और इल्तिजा से भी बेहतर है।
इल्तिजा बिजबेहरा से चुनाव लड़ रही हैं। यह उनकी मां का गृहजिला है। यहीं पर उनके नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद पले-बढ़े और अपना सियासी जीवन शुरू किया था। यहां से 2008 से ही पीडीपी के नेता अब्दुल रहमान वीरी उम्मीदवार रहते आए थे। अबकी बार पार्टी ने उन्हें बदल कर इल्तिजा को इस उम्मीद में टिकट दे दिया कि यहां से महबूबा के रिश्तों का उन्हें फायदा मिलेगा और वे जीत जाएंगी। इल्तिजा का कठिन मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी डॉ. बशीर अहमद वीरी से है।
この記事は Outlook Hindi の October 14, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の October 14, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
शहरनामा - सारण
सारण बिहार का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थल है।
आदर्श इंदिरा की तलाश
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के प्रति बॉलीवुड की दीवानगी के बावजूद हिंदी फिल्म को उनके सशक्त चरित्र का इंतजार
कैमरे में राजनीति
नई पीढ़ी यह जानकर अवाक रह जा सकती है कि अपने दूसरे आम चुनाव में राजीव गांधी भरी गर्मी में पैसेंजर ट्रेन के साधारण दूसरे दर्जे में सवार होकर उत्तर प्रदेश की चुनावी खाक छानने निकल पड़े थे।
क्रिकेट में नई चुनौती देश चुनें या पैसा!
खिलाड़ी, नया प्रारूप, क्रिकेट बदल रहा है धीरे-धीरे अपना पुराना स्वरूप
एक अदम्य क्रांतिकारी
येचुरी ने राजनैतिक कार्यकर्ताओं, बौद्धिकों और नेताओं की पीढ़ियों को प्रभावित किया, उनकी विरासत न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज के संघर्षों को रास्ता दिखाती रहेगी
राष्ट्रपति चुनाव में 'गैरों' का खौफ
कमला हैरिस अपना आत्मविश्वास वापस पा चुकी हैं और उनकी लोकप्रियता उठान पर है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रम्प की आर्थिक नीतियों का समर्थन लड़ाई को फंसा सकता है
गांधी को शांति सेना पर पुनर्विचार
आज के दौर में जब अशांति सेनाओं को संरक्षण दिया जाता है और शांति सेना का दमन किया जाता है, यह काम कठिन हो गया है
राजनैतिक तीर्थस्थली से मिलती शक्ति
देश के हर बड़े आंदोलन में गांधीवादी कार्यकर्ताओं की भागीदारी मजबूती से रही, आज भी देश अगर गांधी के आश्रमों और उसके लोगों की तरफ उम्मीद से देखता है तो यह बापू के पुण्य-प्रताप के साथ उनके लाखों अनुयायियों के पुण्य प्रताप का भी असर
देश बार-बार महात्मा को खोजता है
यह देश महात्मा गांधी का है, इस देश को जो भी खोजने निकलेगा, उसे महात्मा गांधी मिल ही जाएंगे
फूटा पैकेज का गुब्बारा
कारोबारी माहौल, उत्पादन क्षेत्र की मंदी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मुनाफे पर कंपनियों का जोर आइआइटी के छात्रों को न सिर्फ बेरोजगार कर रहा है, उनकी जान भी ले रहा