रविशंकर शर्मा की 2004 में आई फिल्म हम कौन हैं? में फ्रैंक विलियम्स अपने दोस्त वीरू को बता रहा है कि कैसे एक बंगले में रहने वाले परिवार ने उसे गलती से कोई और समझ लिया था। उन्होंने इसका कोई विरोध भी नहीं किया बल्कि वे उनके साथ चले गए क्योंकि बंगला उन्हें परिचित लग रहा था। हिंदी-अंग्रेजी संवाद वाला यह दृश्य थोड़ा अजीब है और अमिताभ बच्चन की भूमिका कमजोर। लेकिन फ्रेंच फिल्मकार सेड्रिक डुपायर ने फिल्म के इसी दृश्य को बहुत ही खूबसूरती से अपनी डॉक्यूमेंट्री, द रियल सुपरस्टार में प्रभावी ढंग से दिखाया है। द रियल सुपरस्टार हाल ही में मुंबई फिल्म फेस्टिवल मामी में प्रदर्शित हुई है। आम डॉक्यूमेंट्री से अलग इसमें न बच्चन का इंटरव्यू है, न उनके जीवन के बारे में कोई लंबी जानकारी। यह डॉक्यूमेंट्री समझने की कोशिश करती है कि अमिताभ बच्चन के प्रति इतनी दीवानगी आखिर क्यों है। यह अलग-अलग दृश्यों का कोलॉज भी नहीं है, बल्कि इसमें एक कथा भाव है। इसे देखने के बाद कोई भी फ्रेंच फिल्मकार का मुरीद हुए बिना नहीं रह पाएगा।
देर शाम जब बहुत सारे सिनेप्रेमी स्क्रीनिंग के लिए पहुंचे, तो उन्हें भी अंदाजा नहीं था कि आखिर फिल्म किस बारे में है। ज्यादातर लोग शायद पोस्टर पर तुरंत पहचाने जाने वाले एक चेहरे के कारण वहां थे, जिस पर अजूबा (1990) की पोशाक में अमिताभ बच्चन थे। जाने-पहचाने अभिनेता का चेहरा फिल्म के हर सीन में है लेकिन यह पूरी तरह से डुपायर की फिल्म है। अमिताभ की फिल्मों के दृश्यों का उपयोग कर वे यह बताने की कोशिश करते हैं कि बच्चन दर्शकों के इतने प्रिय क्यों हैं। साथ ही वे भारत में उनकी भगवान जैसी स्थिति की बारीकी से जांच भी करते हैं।
この記事は Outlook Hindi の December 09, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Outlook Hindi の December 09, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
हमेशा गूंजेगी आवाज
लोककला के एक मजबूत स्तंभ का अवसान, अपनी आवाज में जिंदा रहेंगी शारदा
क्या है अमिताभ फिनामिना
एक फ्रांसिसी फिल्मकार की डॉक्यूमेंट्री बच्चन की सितारा बनने के सफर और उनके प्रति दीवानगी का खोलती है राज
'एक टीस-सी है, नया रोल इसलिए'
भारतीय महिला हॉकी की स्टार रानी रामपाल की 28 नंबर की जर्सी को हॉकी इंडिया ने सम्मान के तौर पर रिटायर कर दिया। अब वे गुरु की टोपी पहनने को तैयार हैं। 16 साल तक मैदान पर भारतीय हॉकी के उतार-चढ़ाव को करीब से देखने वाली 'हॉकी की रानी' अपने संन्यास की घोषणा के बाद अगली चुनौती को लेकर उत्सुक हैं।
सस्ती जान पर भारी पराली
पराली पर कसे फंदे, खाद न मिलने और लागत बेहिसाब बढ़ने से हरियाणा-पंजाब में किसान अपनी जान लेने पर मजबूर, हुक्मरान बेफिक्र, दोबारा दिल्ली कूच की तैयारी
विशेष दर्जे की आवाज
विधानसभा के पहले सत्र में विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पास कर एनसी का वादा निभाने का दावा, मगर पीडीपी ने आधा-अधूरा बताया
महान बनाने की कीमत
नाल्ड ट्रम्प की जीत लोगों के अनिश्चय और राजनीतिक पहचान के आपस में नत्थी हो जाने का नतीजा
पश्चिम एशिया में क्या करेंगे ट्रम्प ?
ट्रम्प की जीत से नेतन्याहू को थोड़ी राहत मिली होगी, लेकिन फलस्तीन पर दोनों की योजनाएं अस्पष्ट
स्त्री-सम्मान पर उठे गहरे सवाल
ट्रम्प के चुनाव ने महिला अधिकारों पर पश्चिम की दावेदारी का खोखलापन उजागर कर दिया
जलवायु नीतियों का भविष्य
राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों के लिए जश्न का कारण हो सकती है लेकिन पर्यावरण पर काम करने वाले लोग इससे चिंतित हैं।
दोस्ती बनी रहे, धंधा भी
ट्रम्प अपने विदेश, रक्षा, वाणिज्य, न्याय, सुरक्षा का जिम्मा किसे सौंपते हैं, भारत के लिए यह अहम