आमतौर पर हर युवक रूपवान यानी खूबसूरत बीवी की चाह रखता है और इसे पाने के लिए वह साधारण लड़कियों को नापसंद कर देता है, फिर चाहे वह लड़की कितनी ही गुणवान क्यों न हो. जब कभी रूपवान और गुणवान लड़की में से किसी एक को चुनना हो तो अधिकांश लड़के रूपवती को ही चुनते हैं, क्या उन का निर्णय एकदम सही है? कहीं ऐसा न हो कि बाद में रूप के कारण गुणों को नजरअंदाज करने का उन्हें पछतावा हो?
अब गुणों की बात लीजिए. यदि लड़की साधारण नैननक्श की है, सांवली है, मोटीपतली है, नाटीलंबी है, लेकिन गुणों की खान है तो क्या उस के वैयक्तिक गुणों का कोई मोल नहीं?
कोई लड़की कितनी ही सुंदर क्यों न हो, लेकिन वह अवगुणी है, क्रोधी या तुनकमिजाज स्वभाव की है, झगड़ालू प्रवृत्ति की है, कामकाज से जी चुराती है, अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझती, तो वह किस काम की? क्या ऐसी लड़की दांपत्य जीवन को सुखद बना सकती है?
सुंदरता की परिभाषा हर व्यक्ति के लिए भिन्न होती है. कोई गोरे रंग को खूबसूरती का मानदंड मानता है तो कोई तीखे नैननक्श को किसी के लिए लड़की का छरहरा होना माने रखता है तो किसी को उस की कदकाठी लुभाती है. किसी को उस की मुसकराहट पसंद होती है तो किसी को उस की हंसी. इसलिए सुंदरता की सर्वमान्य परि नहीं हो सकती. जिस को जो भाए, वही सुंदर.
この記事は Sarita の November First 2022 版に掲載されています。
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