मानव शरीर अलगअलग अंगों से जुड़ा हुआ एक जटिल तंत्र है. इस के सभी अंग हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य और खुशहाली को बरकरार रखने के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. इन महत्त्वपूर्ण अंगों में फेफड़ों का खास स्थान है जो शरीर के भीतर रक्तप्रवाह में औक्सीजन पहुंचाने और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकालने का काम करते हैं. जब हमारे फेफड़े स्वस्थ होते हैं तो वे शरीर की कोशिकाओं में औक्सीजन पहुंचाते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड को बाहर निकालते हैं.
हालांकि, इस के ठीक उलट स्थिति भी संभव है, यानी अस्वस्थ फेफड़े शरीर के अन्य अंगों पर बेहद नुकसानदायक प्रभाव डाल सकते हैं, जिस का सीधा असर हमारे स्वास्थ्य और खुशहाली पर पड़ेगा. फेफड़ों के स्वास्थ्य और हृदय, मस्तिष्क, किडनी व मांसपेशियों की बेहतर स्थिति के बीच एक गहरा संबंध है. इसलिए, फेफड़ों को अच्छी स्थिति में बनाए रखना काफी जरूरी होगा.
फेफड़े कैसे काम करते हैं
हम पहले अपनी श्वसन प्रणाली यानी सांस लेने की प्रणाली के बारे में जानेंगे. फेफड़े छाती के अंदर पाए जाते हैं और इन में कई सारी हवा की थैलियां होती हैं, जिन्हें एल्विओली कहा जाता है. ये एल्विओली रक्त वाहिनियों के नैटवर्क के साथ करीब से जुड़ी होती हैं, जब भी शरीर द्वारा सांस ली जाती है तो वह हवा अपने रास्ते से गुजरते हुए एल्विओली तक पहुंचती है.
इस स्थान पर, सांस द्वारा अंदर आई हवा में से औक्सीजन निकल कर एल्विओली की दीवारों से गुजरते हुए रक्तप्रवाह में प्रवेश करती है, जबकि कार्बन डाईऑक्साइड, जो शरीर की कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किया हुआ अपशिष्ट पदार्थ है, रक्तप्रवाह से निकल कर एल्विओली में चला जाता है, जब एक व्यक्ति सांस बाहर छोड़ता है तो कार्बन डाईऑक्साइड शरीर से बाहर निकलता है और इस तरह सांस लेने की प्रक्रिया पूरी होती है.
फेफड़ों के स्वास्थ्य का महत्त्व
इस बात को नकारा नहीं जा सकता है। कि जीवित रहने के लिए फेफड़ों का होना आवश्यक है. ये औक्सीजन और कार्बन डाईऑक्साइड के आदानप्रदान की नली का काम करते हैं. साथ ही, यह सुनिश्चित करते हैं कि शरीर को आवश्यक मात्रा में औक्सीजन मिलती रहे और इस में पैदा होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलता रहे.
この記事は Sarita の November Second 2023 版に掲載されています。
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