हल्द्वानी हिंसा कहीं धर्मयुद्ध का आगाज तो नहीं
Sarita|February Second 2024
हल्द्वानी की हिंसा को हलके में लेने की भूल भारी भी पड़ सकती है. यह महज कानूनी मुद्दा नहीं है बल्कि इस के पीछे ऐसा बहुतकुछ और भी है जो हर किसी को नजर नहीं आ रहा. यह असल में एक तरह का धर्मयुद्ध है और युद्धों के अंजाम कभी किसी के हित में नहीं रहे.
भारत भूषण श्रीवास्तव
हल्द्वानी हिंसा कहीं धर्मयुद्ध का आगाज तो नहीं

देश के हर शहर में एक इलाका ऐसा होता है जिसे कराची, इसलामाबाद या लाहौर कहा जा सकता है. इन इलाकों के बारे में प्रचार यह किया जाता है कि यहां दुनियाभर के जुर्म पनपते हैं, देशदुनिया के तस्कर यहां पनाह लेते हैं. चोरी, तस्करी, देह व्यापार यहां आम होते हैं. और सब से बड़ी बात, हिंदू इन इलाकों में पांव रखने से भी खौफ खाते हैं क्योंकि यहां राज मुसलमानों का चलता है. पुलिस प्रशासन, कानून व्यवस्था इन इलाकों में आ कर बेबस हो जाते हैं. यही अब बनभूलपुरा के बारे में कहा जा रहा है.

उत्तराखंड के हल्द्वानी में जो हुआ उस की वजह कहने को भले ही एक नाजायज मजार या मसजिद, कुछ भी कह लें, को हटाना हो पर हकीकत कुछ और भी है. एक दुष्प्रचार के तहत यह कहा जा रहा है कि बीती रात 8 फरवरी को कट्टरपंथी दंगाइयों ने जो उपद्रव किया वह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं थी. दंगाइयों ने इस की तैयारी बहुत पहले से ही कर रखी थी. जब से यहां की ढोलक बस्ती, गफूर बस्ती और नई बस्ती में रेलवे वन विभाग व राजस्व की जमीनों पर अतिक्रमण किए जाने का मामला सुर्खियों में आया तब से यह आशंका जताई जा रही थी कि एक न एक दिन ऐसा होगा.

हल्द्वानी बना कुरुक्षेत्र

बनभूलपुरा हल्द्वानी का मुसलिम बाहुल्य इलाका है जिस में मुसलमानों की आबादी 90 फीसदी है. एकाएक ही सुर्खियों में आए इस इलाके में 8 फरवरी की हिंसा में 4 लोग मारे गए थे और 100 के लगभग घायल हुए थे. इस दिन नगरनिगम की जेसीबी मशीनों की मौजूदगी ही बयां कर रही थी कि कुछ अनहोनी होने जा रही है. ये मशीनें जैसे ही मसजिद तोड़ने लगीं तो हिंसा भड़क उठी. इस के पहले 29 जनवरी को पुलिस की मौजूदगी में बनभूलपुरा के मालिक के बगीचे की कोई 2 एकड़ जमीन अतिक्रमण से मुक्त कराई गई थी. लेकिन उस दिन मसजिद और मदरसे को नहीं तोड़ा गया था. प्रशासन ने वहां फेंसिंग कर दी थी.

この記事は Sarita の February Second 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Sarita の February Second 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

SARITAのその他の記事すべて表示
बौलीवुड और कौर्पोरेट का गठजोड़ बरबादी की ओर
Sarita

बौलीवुड और कौर्पोरेट का गठजोड़ बरबादी की ओर

क्या बिना सिनेमाई समझ से सिनेमा से मुनाफा कमाया जा सकता है? कौर्पोरेट जगत की फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ती हिस्सेदारी ने इस सवाल को हवा दी है. सिनेमा पर बढ़ते कौर्पोरेटाइजेशन ने सिनेमा पर कैसा असर छोड़ा है, जानें.

time-read
10+ 分  |
December Second 2024
यूट्यूबिया पकवान मांगे डाटा
Sarita

यूट्यूबिया पकवान मांगे डाटा

कुछ नया बनाने के चक्कर में मिसेज यूट्यूब छान मारती हैं और इधर हम 'आजा वे माही तेरा रास्ता उड़ीक दियां...' गाना गाते रसोई की ओर टकटकी लगाए इंतजार में बैठे हैं कि शायद अब कुछ खाने को मिल जाए.

time-read
5 分  |
December Second 2024
पेरैंटल बर्नआउट इमोशनल कंडीशन
Sarita

पेरैंटल बर्नआउट इमोशनल कंडीशन

परफैक्ट पेरैंटिंग का दबाव बढ़ता जा रहा है. बच्चों को औलराउंडर बनाने के चक्कर में मातापिता आज पेरैंटल बर्न आउट का शिकार हो रहे हैं.

time-read
4 分  |
December Second 2024
एक्सरसाइज करते समय घबराहट
Sarita

एक्सरसाइज करते समय घबराहट

ऐक्सरसाइज करते समय घबराहट महसूस होना शारीरिक और मानसिक कारणों से हो सकता है. यह अकसर अत्यधिक दिल की धड़कन, सांस की कमी या शरीर की प्रतिक्रिया में असंतुलन के कारण होता है. मानसिक रूप से चिंता या ओवरथिंकिंग इसे और बढ़ा सकती है.

time-read
3 分  |
December Second 2024
जब फ्रैंड अंधविश्वासी हो
Sarita

जब फ्रैंड अंधविश्वासी हो

अंधविश्वास और दोस्ती, क्या ये दो अलग अलग रास्ते हैं? जब दोस्त तर्क से ज्यादा टोटकों में विश्वास करने लगे तो किसी के लिए भी वह दोस्ती चुनौती बन जाती है.

time-read
10 分  |
December Second 2024
संतान को जन्म सोचसमझ कर दें
Sarita

संतान को जन्म सोचसमझ कर दें

क्या बच्चा पैदा कर उसे पढ़ालिखा देना ही अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री करना है? बच्चा पैदा करने और अपनी जिम्मेदारियां निभाते उसे सही भविष्य देने में मदद करने में जमीन आसमान का अंतर है.

time-read
4 分  |
December Second 2024
बढ़ रहे हैं ग्रे डिवोर्स
Sarita

बढ़ रहे हैं ग्रे डिवोर्स

आजकल ग्रे डिवोर्स यानी वृद्धावस्था में तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. जीवन की लंबी उम्र, आर्थिक स्वतंत्रता और बदलती सामाजिक धारणाओं ने इस ट्रैंड को गति दी है.

time-read
4 分  |
December Second 2024
ट्रंप की दया के मुहताज रहेंगे अडानी और मोदी
Sarita

ट्रंप की दया के मुहताज रहेंगे अडानी और मोदी

मोदी और अडानी की दोस्ती जगजाहिर है. इस दोस्ती में फायदा एक को दिया जाता है मगर रेवड़ियां बहुतों में बंटती हैं. किसी ने सच ही कहा है कि नादान की दोस्ती जी का जंजाल बन जाती है और यही गौतम अडानी व नरेंद्र मोदी की दोस्ती के मामले में लग रहा है.

time-read
8 分  |
December Second 2024
विश्वगुरु कौन भारत या चीन
Sarita

विश्वगुरु कौन भारत या चीन

चीन काफी लंबे समय से तमाम विवादों से खुद को दूर रख रहा है जिन में दुनिया के अनेक देश जरूरी और गैरजरूरी रूप से उलझे हुए हैं. चीन के साथ अन्य देशों के सीमा विवाद, सैन्य झड़पों या कार्रवाइयों में भारी कमी आई है. वह इस तरफ अपनी ऊर्जा नष्ट नहीं करना चाहता. इस वक्त उस का पूरा ध्यान अपने देश की आर्थिक उन्नति, जनसंख्या और प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाने की तरफ है.

time-read
10 分  |
December Second 2024
हिंदू एकता का प्रपंच
Sarita

हिंदू एकता का प्रपंच

यह देहाती कहावत थोड़ी पुरानी और फूहड़ है कि मल त्याग करने के बाद पीछे नहीं हटा जाता बल्कि आगे बढ़ा जाता है. आज की भाजपा और अब से कोई सौ सवा सौ साल पहले की कांग्रेस में कोई खास फर्क नहीं है. हिंदुत्व के पैमाने पर कौन से हिंदूवादी आगे बढ़ रहे हैं और कौन से पीछे हट रहे हैं, आइए इस को समझने की कोशिश करते हैं.

time-read
6 分  |
December Second 2024