एक कलाकार में कई प्रतिभाएं जन्मजात होती हैं
Sarita|March First 2024
पुराने समय में फिल्मी परदे पर वही ऐक्टिंग करता था जिस में गाने की कला भी थी. बीच के दौर में प्लेबैक ने कई प्रतिभाओं के गायन कौशल को दबा दिया. सिर्फ उन की ऐक्टिंग को ही तवज्जुह मिली. लेकिन वह दौर एक बार फिर लौट रहा है जहां कलाकार अपनी तमाम कलाओं का प्रदर्शन एकसाथ कर रहे हैं.
एक कलाकार में कई प्रतिभाएं जन्मजात होती हैं

कला किसी मनुष्य की जन्मजात प्रतिभा होती है. किसी में चित्रकारी तो किसी में गायिकी या अभिनय और नृत्य का जन्मजात गुण होता है. अधिकांश कलाकारों में दो या तीन कलाएं एकसाथ पाई जाती हैं, मगर दुनिया की नजर में वह किसी एक कला में ही पारंगत दिखाई देता है. उस की अन्य कलाओं को या तो मंच नहीं मिलता या उन को डैवलप करने का उन्हें वक्त नहीं मिलता. कई बार कलाकार की एक कला ही इतनी हावी हो जाती है कि उस की दूसरी कलाओं की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं जाता.

फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने अभिनय के क्षेत्र में तो अपनी बड़ी पहचान बनाई लेकिन कम ही लोगों को उन की अन्य प्रतिभाओं के बारे में मालूम चला. जैसे यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि रेखा गजब की अभिनेत्री तो हैं मगर एक बहुत अच्छी गायिका भी हैं और गजल गायिकी में हर शेर के साथ उन की जो भावनाएं उबलती हैं उस का कोई जवाब नहीं. अधिकतर गजल गायक गजल की रूह तक नहीं उतर पाते और ऊपरऊपर से गा कर निकल जाते हैं, मगर रेखा सिर्फ गाती ही नहीं, बल्कि गीत के एकएक शब्द में उतर जाती हैं और सुनने वाले को भी उतार लाती हैं वे.

70 के दशक में जब फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, जितेंद्र, विनोद खन्ना, संजीव कुमार जैसे ऐक्टर्स का बोलबाला था, उसी दौर में उत्तरपूर्वी भारत से आए शेरिंग फिनसो डेन्जोंगपा, जिन्हें हम डैनी डेन्जोंगपा के नाम से बुलाते हैं, ने इंडस्ट्री में अपने अभिनय और अपनी आवाज से तहलका मचा दिया था.

दरअसल, सिक्किम के रहने वाले डैनी डेन्जोंगपा जब मुंबई आए तो उन्होंने अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत एक प्लेबैक सिंगर के तौर पर ही की थी. उन के प्लेबैक का आरंभ लता मंगेशकर के साथ गाए 'मेरा नाम आओ, मेरे पास आओ...' गीत से हुआ था. फिर उन्होंने आशा भोंसले के साथ फिल्म 'काला सोना' में एक गीत 'सुन सुन कसम से, लागूं तेरे कदम से रहा जाए न हम से, गले लग जा...' गाया जो सुपरडुपर हिट हुआ और जिसे काफी समय तक लोग प्लेबैक सिंगर शैलेंद्र सिंह का गाया गीत समझते रहे.

この記事は Sarita の March First 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Sarita の March First 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

SARITAのその他の記事すべて表示
"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली
Sarita

"पुरुष सत्तात्मक सोच बदलने पर ही बड़ा बदलाव आएगा” बिनायफर कोहली

'एफआईआर', 'भाभीजी घर पर हैं', 'हप्पू की उलटन पलटन' जैसे टौप कौमेडी फैमिली शोज की निर्माता बिनायफर कोहली अपने शोज के माध्यम से महिला सशक्तीकरण का संदेश देने में यकीन रखती हैं. वह अपने शोज की महिला किरदारों को गृहणी की जगह वर्किंग और तेजतर्रार दिखाती हैं, ताकि आज की जनरेशन कनैक्ट हो सके.

time-read
3 分  |
November Second 2024
पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों
Sarita

पतिपत्नी के रिश्ते में बदसूरत मोड़ क्यों

पतिपत्नी के रिश्ते के माने अब सिर्फ इतने भर नहीं रह गए हैं कि पति कमाए और पत्नी घर चलाए. अब दोनों को ही कमाना और घर चलाना पड़ रहा है जो सलीके से हंसते खेलते चलता भी है. लेकिन दिक्कत तब खड़ी होती है जब कोई एक अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ते अनुपयोगी हो कर भार बनने लगता है और अगर वह पति हो तो उस का प्रताड़ित किया जाना शुरू हो जाता है.

time-read
7 分  |
November Second 2024
शादी से पहले बना लें अपना आशियाना
Sarita

शादी से पहले बना लें अपना आशियाना

कपल्स शादी से पहले कई तरह की प्लानिंग करते हैं लेकिन वे अपना अलग आशियाना बनाने के बारे में कोई प्लानिंग नहीं करते जिसका परिणाम कई बार रिश्तों में खटास और अलगाव के रूप में सामने आता है.

time-read
6 分  |
November Second 2024
ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज
Sarita

ओवरऐक्टिव ब्लैडर और मेनोपौज

बारबार पेशाब करने को मजबूर होना ओवरऐक्टिव ब्लैडर होने का संकेत होता है. यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है. महिलाओं में तो ओएबी और मेनोपौज का कुछ संबंध भी होता है.

time-read
3 分  |
November Second 2024
सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार
Sarita

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार

सामाजिक असमानता के लिए धर्म जिम्मेदार है क्योंकि दान और पूजापाठ की व्यवस्था के साथ ही असमानता शुरू हो जाती है जो घर और कार्यस्थल तक बनी रहती है.

time-read
8 分  |
November Second 2024
एमआरपी का भ्रमजाल
Sarita

एमआरपी का भ्रमजाल

एमआरपी तय करने का कोई कठोर नियम नहीं होता. कंपनियां इसे अपनी मरजी से तय करती हैं और इसे इतना ऊंचा रखती हैं कि खुदरा विक्रेताओं को भी अच्छा मुनाफा मिल सके.

time-read
4 分  |
November Second 2024
कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो
Sarita

कर्ज लेकर बादामशेक मत पियो

कहीं से कोई पैसा अचानक से मिल जाए या फिर व्यापार में कोई मुनाफा हो तो उन पैसों को घर में खर्चने के बजाय लोन उतारने में खर्च करें, ताकि लोन कुछ कम हो सके और इंट्रैस्ट भी कम देना पड़े.

time-read
6 分  |
November Second 2024
कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश
Sarita

कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमला भड़ास या साजिश

कनाडा के हिंदू मंदिरों पर कथित खालिस्तानी हमलों का इतिहास से गहरा नाता है जिसकी जड़ में धर्म और उस का उन्माद है. इस मामले में राजनीति को दोष दे कर पल्ला झाड़ने की कोशिश हकीकत पर परदा डालने की ही साजिश है जो पहले भी कभी इतिहास को बेपरदा होने से कभी रोक नहीं पाई.

time-read
10 分  |
November Second 2024
1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा
Sarita

1947 के बाद कानूनों से बदलाव की हवा

2004 में कांग्रेस नेतृत्व वाली मिलीजुली यूपीए सरकार केंद्र की सत्ता में आई. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने अपने सहयोगियों के साथ संसद से सामाजिक सुधार के कई कानून पारित कराए, जिन का सीधा असर आम जनता पर पड़ा. बेलगाम करप्शन के आरोप यूपीए को 2014 के चुनाव में बुरी तरह ले डूबे.

time-read
6 分  |
November Second 2024
अमेरिका अब चर्च का शिकंजा
Sarita

अमेरिका अब चर्च का शिकंजा

दुनियाभर के देश जिस तेजी से कट्टरपंथियों की गिरफ्त में आ रहे हैं वह उदारवादियों के लिए चिंता की बात है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे ने और बढ़ा दिया है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत दरअसल चर्चों और पादरियों की जीत है जिस की स्क्रिप्ट लंबे समय से लिखी जा रही थी. इसे विस्तार से पढ़िए पड़ताल करती इस रिपोर्ट में.

time-read
4 分  |
November Second 2024