तांत्रिकों के चक्कर में फंस कर अपनों का खून क्यों
Sarita|August First 2024
देश की बड़ी विडंबना यह है कि यहां अंधविश्वासों और अंधविश्वासियों की कमी नहीं है. लोग बहुत जल्द छलावों में फंसते हैं. जिंदगी में थोड़ी सी उथलपुथल हुई नहीं कि चल देते हैं तांत्रिक व बाबाओं के पास.
गरिमा पंकज
तांत्रिकों के चक्कर में फंस कर अपनों का खून क्यों

21 मई को मुजफ्फरनगर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई. अपने ऊपर आए कथित साए से छुटकारा पाने के लिए सगी चाची ने अपनी मां के साथ मिल कर एक महीने के अंदर अपने देवर के 2 बच्चों की हत्या कर दी. दोनों हत्यारिन महिलाओं ने एक तांत्रिक के कहने पर इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था.

दरअसल 7 साल के बच्चे केशव के मर्डर केस में मृतक की चाची अंकिता और उस की मां रीना को दोषी पाया गया. चाची ने तांत्रिक के कहने पर एक नहीं बल्कि दो बच्चों की बलि देने का जुर्म कबूल किया. उस ने तांत्रिक भगत रामगोपाल व अपनी मां रीना के कहने पर घर में नीचे अकेला देख कर केशव को दूसरे कमरे में ले जा कर पुराने दुपट्टे से गला दबा कर उसे मार दिया था. इस के बाद एक कागज के टुकड़े पर लाल रंग से लिख कर छत पर डाल दिया जिस से घर वालों को लगे कि यह किसी ऊपरी साए का काम है. एक माह पहले केशव के छोटे भाई 4 वर्षीय अंकित उर्फ लक्की की भी उसी ने गला दबा कर हत्या की थी, जबकि घरवालों को लगा था कि वह बीमारी से मरा है.

जांच के दौरान पुलिस को शव के पास से तंत्रमंत्र का कुछ सामान और एक कागज में कुछ लिखा नजर आया था. पुलिस ने लिखावट का मिलान किया तो मृतक की चाची से लिखावट का मिलान हुआ. उस के बाद कड़ाई से पुलिस ने पूछताछ की तो महिला ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. पुलिस ने इस खौफनाक हत्याकांड में चाची और उस की मां को जेल भेज दिया.

अंधविश्वास के चक्कर में हत्यारिन बनी मां

हाल ही में (25 जनवरी, 2024) हरिद्वार में हर की पौड़ी पर तंत्रमंत्र के चक्कर में फंस कर एक मां ने ही 7 साल के बेटे को डुबो कर मार डाला. दरअसल एक तांत्रिक ने कहा था कि हरिद्वार में गंगा की धार में बच्चे को डुबकी लगवाने से उस का ब्लड कैंसर ठीक हो जाएगा. मां ने तांत्रिक की बात सुनी और अपने बीमार बच्चे को हरिद्वार में गंगा की डुबकी लगाने लगी जिस से सांस घुटने से बच्चे की मौत हो गई. जब बच्चे को पानी से निकाला गया तो वह मर चुका था. सामने बच्चे का शव पड़ा था और महिला जोरजोर से पागलों की तरह हंस रही थी. बच्चे की मौत की खबर से अफरातफरी मच गई. उस के मातापिता समेत 3 लोगों को हिरासत में ले लिया गया.

मासूम के साथ की दरिंदगी

この記事は Sarita の August First 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は Sarita の August First 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

SARITAのその他の記事すべて表示
पुराणों में भी है बैड न्यूज
Sarita

पुराणों में भी है बैड न्यूज

हाल ही में फिल्म 'बैड न्यूज' प्रदर्शित हुई, जो मैडिकल कंडीशन हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन पर आधारित थी. इस में एक महिला के एक से अधिक से शारीरिक संबंध दिखाने को हिंदू संस्कृति पर हमला कहते कुछ भगवाधारियों ने फिल्म का विरोध किया पर इस तरह के मामले पौराणिक ग्रंथों में कूटकूट कर भरे हुए हैं.

time-read
5 分  |
September First 2024
काम के साथ सेहत भी
Sarita

काम के साथ सेहत भी

काम करने के दौरान लोग अकसर अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते, जिस से हैल्थ इश्यूज पैदा हो जाते हैं. जानिए एक्सपर्ट से क्यों है यह खतरनाक?

time-read
5 分  |
September First 2024
प्यार का बंधन टूटने से बचाना सीखें
Sarita

प्यार का बंधन टूटने से बचाना सीखें

आप ही सोचिए क्या पेरेंट्स बच्चों से न बनने पर उन से रिश्ता तोड़ लेते हैं? नहीं न? बच्चों से वे अपना रिश्ता कायम रखते हैं न, तो फिर वे अपने वैवाहिक रिश्ते को बचाने की कोशिश क्यों नहीं करते? बच्चे मातापिता को डाइवोर्स नहीं दे सकते तो पतिपत्नी एकदूसरे के साथ कैसे नहीं निभा सकते, यह सोचने की जरूरत है.

time-read
3 分  |
September First 2024
तलाक अदालती फैसले एहसान क्यों हक क्यों नहीं
Sarita

तलाक अदालती फैसले एहसान क्यों हक क्यों नहीं

शादी कर के पछताने वाले हजारोंलाखों लोग मिल जाएंगे, लेकिन तलाक ले कर पछताने वाले न के बराबर मिलेंगे क्योंकि यह एक घुटन भरी व नारकीय जिंदगी से आजादी देता है. लेकिन जब सालोंसाल तलाक के लिए अदालत के चक्कर काटने पड़ें तो दूसरी शादी कर लेने में हिचक क्यों?

time-read
5 分  |
September First 2024
शिल्पशास्त्र या ज्योतिषशास्त्र?
Sarita

शिल्पशास्त्र या ज्योतिषशास्त्र?

शिल्पशास्त्र में किसी इमारत की उम्र जानने की ऐसी मनगढ़ंत और गलत व्याख्या की गई है कि पढ़ कर कोई भी अपना सिर पीट ले.

time-read
6 分  |
September First 2024
रेप - राजनीति ज्यादा पीडिता की चिंता कम
Sarita

रेप - राजनीति ज्यादा पीडिता की चिंता कम

देश में रेप के मामले बढ़ रहे हैं. सजा तक कम ही मामले पहुंचते हैं. इन में राजनीति ज्यादा होती है. पीड़िता के साथ कोई नहीं होता.

time-read
8 分  |
September First 2024
सिध सिरी जोग लिखी कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन
Sarita

सिध सिरी जोग लिखी कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

धीरेधीरे मैं भी मौजूदा एडवांस दुनिया का हिस्सा बन गई और उस पुरानी दुनिया से इतनी दूर पहुंच गई कि प्रांशु को लिखवाते समय कितने ही वाक्य बारबार लिखनेमिटाने पड़े पर फिर भी वैसा...

time-read
8 分  |
September First 2024
चुनाव परिणाम के बाद इंडिया ब्लौक
Sarita

चुनाव परिणाम के बाद इंडिया ब्लौक

16 मई, 2024 को चुनावप्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में दहाड़ने की कोशिश करते हुए कहा था कि 4 जून को इंडी गठबंधन टूट कर बिखर जाएगा और विपक्ष बलि का बकरा खोजेगा, चुनाव के बाद ये लोग गरमी की छुट्टियों पर विदेश चले जाएंगे, यहां सिर्फ हम और देशवासी रह जाएंगे. लेकिन 4 जून के बाद कुछ और हो रहा है.

time-read
8 分  |
September First 2024
वक्फ की जमीन पर सरकार की नजर
Sarita

वक्फ की जमीन पर सरकार की नजर

भाजपा की आंखें वक्फ की संपत्तियों पर गड़ी हैं. इस मामले को उछाल कर जहां वह एक तरफ हिंदू वोटरों को यह दिखाने की कोशिश करेगी कि देखो मुसलमानों के पास देश की कितनी जमीन है, वहीं वक्फ बोर्ड में घुसपैठ कर के वह उसे अपने नियंत्रण में लेने की फिराक में है.

time-read
10+ 分  |
September First 2024
1947 के बाद कानूनों से रेंगतीं सामाजिक बदलाव की हवाएं
Sarita

1947 के बाद कानूनों से रेंगतीं सामाजिक बदलाव की हवाएं

15 अगस्त, 1947 को भारत को जो आजादी मिली वह सिर्फ गोरे अंगरेजों के शासन से थी. असल में आम लोगों, खासतौर पर दलितों व ऊंची जातियों की औरतों, को जो स्वतंत्रता मिली जिस के कारण सैकड़ों समाज सुधार हुए वह उस संविधान और उस के अंतर्गत 70 वर्षों में बने कानूनों से मिली जिन का जिक्र कम होता है जबकि वे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं. नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी का सपना इस आजादी का नहीं, बल्कि देश को पौराणिक हिंदू राष्ट्र बनाने का रहा है. लेखों की श्रृंखला में स्पष्ट किया जाएगा कि कैसे इन कानूनों ने कट्टर समाज पर प्रहार किया हालांकि ये समाज सुधार अब धीमे हो गए हैं या कहिए कि रुक से गए हैं.

time-read
10+ 分  |
September First 2024