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शहर में दवाइयों का भी भारी संकट
हर दिन दवाई लेने वाले नागरिक हो रहे हैं परेशान राइजिंग रिपोर्टर
कोरोना से लड़ाई के लिए कांग्रेस सरकार गिराने का इंतजार किया - कमलनाथ
राइजिंग इंदौर के पिछले अंक में प्रकाशित तथ्य कमलनाथ ने दोहराए
कर्फ्यू के इस दौर में इंदौर में कालाबाजारी चरम पर
कोरोना वायरस से संक्रमण के दौर में कपy लगा हुआ है। ऐसे में इंदौर के नागरिकों को नमकीन और बिस्किट की जरूरत ज्यादा पड़ती है। नागरिकों को हर दिन ही नमकीन खाने और बिस्किट का उपयोग करने की आदत है। अब ऐसे में जो शहर भर में वस्तुओं के दामों में कालाबाजारी चल रही है। उसका शिकार नमकीन और बिस्किट भी हो रहे हैं।
मारुति कंपनी ने दी अपने ग्राहकों को चेतावनी
मारुति कंपनी ने दी अपने ग्राहकों को चेतावनी
सरकार की लापरवाही से कोरोना देश में बना महामारी
शहर के नागरिकों का मानना है कि केंद्र सरकार की लापरवाही से कोरोना देश में महामारी बना है। यह समस्या जब शुरू हुई थी तब केंद्र सरकार को एहतियात बरतने वाले कदम उठाना थे, लेकिन उस वक्त तो सरकार मध्यप्रदेश के ऑपरेशन लोटस में लगी हुई थी।
गरीब बस्ती वालों के सपने कोरोना ने कर दिए साकार
घर के छोटे कमरे में अभावों के बीच रहने वालों को मिला शाही होटल में रहने का मौका
इंदौर में इतने मरीज कोरोना के कैसे हो गए?
इंदौर में इतने मरीज कोरोना के कैसे हो गए?
कोरोना के चलते घर में ही कर लिया परिवार के बीच विवाह
कोरोना के चलते घर में ही कर लिया परिवार के बीच विवाह
भिक्षुकों ने कर दिया निगम की कोशिश को नाकाम
कोरोना वायरस के संक्रमण के इस दौर में इंदौर नगर निगम द्वारा एक विशेष पहल करते हुए सड़क के किनारे बैठ कर भीख मांगने वाले नागरिकों को उठाकर अपनी गाड़ियों से रेन बसेरा में भेजा गया। निगम ने इन नागरिकों के वहीं रुकने और भोजन की व्यवस्था की थी। इन भिक्षुओं ने इस व्यवस्था को नाकाम कर दिया।
बिजली के बिल से लगने वाला करंट कोरोना ने रोका
अब बिजली की दरों में वृद्धि का मामला अधर में लटका
कोरोना के कर्फ्यू की आड़ में हो रही है कालाबाजारी
दुकानदार ज्यादा कीमत पर बेच रहे हैं माल, नहीं कर सकता कोई भाव पर बात
'कोरोना के टाइम में इंदौर में टीम शिवराज
जिस समय कोरोना के वायरस का संक्रमण सिर चढ़कर बोल रहा था हर तरफ उसकी दहशत खेल रही थी। उस समय प्रदेश की नई-नई काबीज हुई शिवराज सरकार ने इंदौर के प्रशासन का पूरा ऑपरेशन कर दिया। एक ही झटके में इंदौर के जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के सर्वोच्च पद के अधिकारियों को हटाकर टीम शिवराज को बैठा दिया गया।
पिपलियाहाना ओवरब्रिज में आईडीए की परंपरा कायम
इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा किए जाने वाले काम में लेटलतीफी करने की जो पुरानी परंपरा है। वह अब भी कायम है। इस समय प्राधिकरण द्वारा इंदौर में पिपलियाहाना ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। इस निर्माण में भी प्राधिकरण ने इस परंपरा को बरकरार रखा है। इस समय एक तरफ जहां प्राधिकरण काम के अभाव से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ उसके पास जो काम है उस काम को भी वह समय सीमा में नहीं करा पा रहा है।
दवा से नहीं कोशिश से दूर होगा कोरोना
इस समय शहर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया में डर का पर्याय बन गए कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह जानकारी दी है की इस वायरस का इलाज दवा से नहीं बल्कि अपने शरीर की रोग निरोधक क्षमताओं से ही किया जा सकता है। इसका कोई इलाज विज्ञान के पास नहीं है। लॉक डाउन कर देने भर से इंदौर या प्रदेश इस बीमारी से सुरक्षित अथवा मुक्त हो जाएगा।
अब जगमग रोशनी से जगमगाएगा एम वाय का परिसर
मालवा और पश्चिम निमाड़ का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमवाय अस्पताल का परिसर अब जगमग रोशनी से जगमगाता हुआ नजर आएगा।अभी इस परिसर के कई क्षेत्र रात के समय पूरी तरह अंधेरे में डूबे हुए नजर आते हैं। इस परिसर को अंधेरे से मुक्ति दिलाने के काम पर छप्पन लाख रूपए खर्च होंगे।
नेहरू पार्क के अटके काम को पूरा करने का निकाला रास्ता
इंदौर नगर निगम ने महीनों से अटके हुए नेहरू पार्क के विकास के काम को पूरा करने का रास्ता निकाल लिया है। इस काम को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जाएगा।
नारकीय जीवन जीने को मजबूर न्यू राम नगर के रहवासी
शहर के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित कॉलोनी न्यू रामनगर के रहवासी इन दिनों नारकीय जीवन जीने के लिए मजबर हो रहे हैं। इस क्षेत्र से पिछले 10 सालों से सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के पार्षद थे लेकिन इन पार्षदों द्वारा जनता की समस्याओं का समाधान करने में कोई रुचि नहीं ली गई।
कलेक्टर साहब आए तब तक मैं एक झपकी ले लं
कलेक्टर कार्यालय में इन दिनों कामकाज का ऐसा आलम है कि अधिकारियों के इंतजार में वहां पहुंचे नागरिक फर्श पर बैठकर झपकी लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
IDA योजनाएं समाप्त करने की राहत अभी अतिम नहीं
इंदौर विकास प्राधिकरण के द्वारा हाल ही में अपनी 7 योजनाओं को समाप्त करने और 3 योजनाओं पर शासन के नए नियम के प्रकाश में भविष्य तय करने का फैसला लिया गया है। प्राधिकरण द्वारा लिया गया यह फैसला इन 7 योजनाओं में अपना आशियाना बना कर रह रहे नागरिकों के लिए कोई अंतिम राहत नहीं है। इन सभी स्थानों पर अगले 6 माह के अंदर प्राधिकरण एक बार फिर नए सिरे से नई योजना लागू कर सकता है।