दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के पुणे के पूर्वी इलाके में हडपसर और मांजरी में मौजूद 100 एकड़ के विशाल परिसर के अंदर ड्राइव करते वक्त एक बात साफतौर पर समझ आती है कि यहां काम करने वालों की नजरों में अनुशासन और गर्व का भाव है। इस कंपनी ने न केवल भारत के राष्ट्रीय कोविड 19 टीकाकरण कार्यक्रम में इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 80 प्रतिशत खुराक की आपूर्ति की है बल्कि अब अगली बड़ी महामारी से निपटने के लिए विशाल संयंत्र केंद्र पर भी इसकी नजर है।
एसआईआई इन दिनों मांजरी में एक प्लग-ऐंड - प्ले टीका बनाने के संयंत्र का निर्माण कर रही है। यह परिसर हडपसर के सामने ही है और दोनों के बीच एक 800 मीटर लंबी ऊंची सड़क जाती है। इस संयंत्र के जरिये किसी भी महामारी की स्थिति में जरूरतमंद देश में टीके के खुराक की तत्काल आपूर्ति की जा सकती है। महामारी से पहले एसआईआई में सालाना 1.5 अरब टीके की खुराक बनाने की क्षमता थी और कंपनी लगभग 1.2 अरब खुराक बना रही थी जिसका दायरा पिछले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर बढ़ गया।
नए दौर के एसआईआई के पीछे कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला का दिमाग है और उनका कहना है कि वर्ष 2021 के अंत तक हम एक महीने में 25 करोड़ टीके की खुराक बना रहे थे। हालांकि वह इससे भी और बड़ा सपना देख रहे हैं। अब एसआईआई की नजर सालाना 4 अरब खुराक बनाने की क्षमता पर है, से लगभग 2 अरब सालाना खुराक, कंपनी के नए महामारी संयंत्र से मिलेगी।
この記事は Business Standard - Hindi の August 03, 2022 版に掲載されています。
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