अनुमान से अधिक लाभांश संग्रह की वजह साल 2020 में पेश की गई सतत लाभांश नीति है, जिसके तहत सरकार द्वारा संचालित कंपनियों को वार्षिक भुगतान की जगह अंतरिम लाभांश का भुगतान करना पड़ता है।
वित्त वर्ष 2024 की शुरुआत में 43,000 करोड़ रुपये लाभांश का लक्ष्य रखा गया था, जिसे संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार ने इस तरह का लाभांश 48,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है।
केंद्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) द्वारा वित्त वर्ष 2024 में लाभांश में तेज वृद्धि के विपरीत विनिवेश प्राप्तियां सरकार के अनुमान से पीछे हैं।
この記事は Business Standard - Hindi の April 01, 2024 版に掲載されています。
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कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान आज, राज्य की सीमाओं पर चौकसी बढ़ी, वायनाड लोक सभा क्षेत्र में भी पड़ेंगे वोट
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'जेनको को सूचीबद्ध करें राज्य
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5 महीने के निचले स्तर के करीब निफ्टी
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