विदेश मंत्री
एस जयशंकर : दूसरी बार संभाली विदेश मंत्रालय की कमान
विदेश मंत्रालय की कमान एक बार फिर दिग्गज कूटनीतिज्ञ एस जयशंकर संभाल रहे हैं। पिछले 10 वर्षों के दौरान मोदी सरकार की विदेश नीति की दशा-दिशा तय करने में जयशंकर ने अहम योगदान दिया है। जयशंकर 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल में छह पूर्व अधिकारी शामिल किए गए थे, जिनमें जयशकंर भी एक थे। जयशंकर अमेरिका और चीन दोनों में भारत के राजदूत रह चुके हैं, इसलिए इन दोनों ही देशों की वह गहरी समझ रखते हैं। बतौर आईएफएस अधिकार जयशंकर के कूटनीतिक करियर में उस वक्त अहम मोड़ आया जब वह वर्ष 2004 से 2007 तक अमेरिकी प्रभाग में संयुक्त सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उस समय उन्होंने असैन्य परमाणु संधि पर बातचीत आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जयशंकर ने अमेरिका के साथ '123 समझौते' को मुकाम तक पहुंचाने में भारतीय वार्ताकारों के दल का नेतृत्व किया था। यह समझौता असैन्य परमाणु समझौते से जुड़ा था, जो 2009 में पूरा हो गया। जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे। चीन में इतने लंबे समय तक राजदूत रहने वाले वह पहले आईएफएस अधिकारी थे। इस दौरान भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय समझौतों में कई अहम मोड़ आए। अमेरिका में बतौर राजदूत उन्होंने सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री के बहुचर्चित अमेरिकी दौरे को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने में केंद्रीय भूमिका निभाई। जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक भारत के विदेश सचिव रहे। बतौर विदेश मंत्री अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने मोदी की विदेश नीति को दिशा देने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। विदेश मंत्री के तौर पर उनके पहले कार्यकाल में दुनिया के प्रमुख देशों, खासकर अमेरिका, सहित अरब राष्ट्रों के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हुए। पिछले पांच वर्षों के दौरान जयशंकर के प्रशंसक की संख्या खासी बढ़ती गई और सोशल मीडिया पर भी उनकी सराहना होने लगी।
वित्त मंत्री
लगातार सातवां आम बजट पेश करेंगी निर्मला सीतारमण
この記事は Business Standard - Hindi の June 11, 2024 版に掲載されています。
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आरईसी की फिर बॉन्ड से धन जुटाने की तैयारी
सरकारी उपक्रम आरईसी लिमिटेड चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) में डीप डिस्काउंट जीरो कूपन बॉन्डों के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये और जुटाने पर विचार कर रही है। मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बढ सकता है एथनॉल का खरीद भाव
महाराष्ट्र में होने जा रहे विधान सभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा चीनी मिलों से खरीदे जाने वाले एथनॉल का खरीद भाव बढ़ाने जा रही है। सरकार इस माह से शुरू 2024-25 विपणन सत्र के लिए भाव 3 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा सकती है।
वेदांत समूह ने बरकरार रखा लागत अनुमान
वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने रविवार को शेयरधारकों को बताया कि समूह निकट भविष्य में अपने तीन मुख्य कारोबारों- जिंक, एल्युमीनियम और तेल एवं गैस की क्षमता दोगुनी करेगा।
कॉप में जलवाय वादों की होगी परख
सबसे गर्म साल में कॉप29 सम्मेलन को लेकर दिख रही विकसित देशों की ठंडी प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश: चंदेरी के कद्रदानों को लुभा रहीं पट्ट सिल्क की साड़ियां
चंदेरी साड़ी में नया ट्रेंड
महिलाओं और युवाओं के लिए लगाई वादों की झड़ी
महा विकास आघाडी का घोषणापत्र
आज प्रधान न्यायाधीश की शपथ लेंगे न्यायमूर्ति खन्ना
चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करने और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे उच्चतम न्यायालय के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सोमवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।
अमेरिकी यूनिकॉर्न तंत्र को गति दे रहे भारतीय
अमेरिका में नए राष्ट्रपति चुने जाने वाले डोनाल्ड ट्रंप की अवैध आप्रवासन पर सख्त नीतियों को लेकर उभरती चिंताओं के बीच एक हालिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अमेरिका में लगभग आधे से अधिक स्टार्टअप के मालिक अन्य देशों के रहने वाले हैं, जिनमें सबसे अधिक संख्या भारतवंशियों की है।
चुनावों में तय की गई खर्च की हद प्रत्याशी ढूंढ रहे लांघने की जुगत
निर्वाचन आयोग ने प्रति उम्मीदवार चुनाव प्रचार के लिए तय की निश्चित राशि
दीवाली पर सिनेमाघरों की कमाई धुआंधार
कोविड-19 के बाद इस साल दीवाली के मौके पर कमाई के लिहाज से मल्टीप्लेक्स चेन के लिए सबसे अच्छा सप्ताहांत रहा है।