बारिश का मौसम आ गया है और देश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश के बाद सड़कों पर पानी भरने तथा वाहन फंसने की खबरें लगातार आ रही हैं। गाड़ियों के लिए यह मौसम आम तौर पर खतरनाक होता है और जहां जलभराव रहता है, वहां तो गाड़ी फंसने या इंजन खराब होने का डर अधिक होता है। वे गाड़ियां ज्यादा खतरे में होती हैं, जिनका ग्राउंड क्लियरेंस कम होता है यानी जमीन से जिनके चैसि की ऊंचाई कम होती है। उस हालत में गाड़ी ठीक कराने का खर्च भी अच्छा खासा हो जाता है।
अगर आप भी ज्यादा बारिश या जलभराव वाले इलाके में रहते हैं तो गाड़ी फंसने की हालत में होने वाले खर्च से बचने का इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए। आपके पास थर्ड पार्टी बीमा के साथ कॉम्प्रिहेंसिव मोटर बीमा जरूर होना चाहिए क्योंकि यह आपकी गाड़ी के साथ कोई हादसा होने, चोरी होने या गाड़ी से किसी और को नुकसान पहुंचने पर खर्च की अच्छी खासी भरपाई कर देता है। मगर मॉनसून से होने वाले नुकसान की भरपाई इसमें नहीं होती। इसके लिए आपको कुछ ऐड ऑन कवर लेने चाहिए।
इंजन प्रोटेक्शन कवर
पानी भरी सड़कों पर गाड़ी चलाते समय इंजन में पानी घुसने का डर रहता है, जिससे काफी नुकसान हो सकता है। कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी आम तौर पर इसके लिए कुछ नहीं करती। इसीलिए इंजन को होने वाले नुकसान के लिए अलग से इंजन प्रोटेक्शन कवर खरीद लेना चाहिए।
この記事は Business Standard - Hindi の June 29, 2024 版に掲載されています。
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त्योहारों पर स्वदेशी उत्पाद खरीदें: मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता से संवाद करने के माध्यम रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 10 साल पूरे हो गए हैं। प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की इस रविवार को 114वीं कड़ी थी।
चुनाव में हुए वादे पर वादे पर पैसा कहां से आएगा?
जम्मू-कश्मीर चुनाव का कल आखिरी चरण : राजस्व के मोर्चे पर कमजोर स्थिति
जोखिम ज्यादा पर दीर्घावधि में फायदा
मोमेंटम आधारित फैक्टर फंड
कारीगरों की कमी और बढ़ी लागत के बोझ तले दबे भदोही के कालीन
भदोही के कालीन एक जमाने से ही अपनी बारीक बुनाई और नफीस कारीगरी के लिए देश-विदेश में जूझ मशहूर रहे हैं। लेकिन अब उनके सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। यहां का कालीन उद्योग हुनरमंद कारीगरों की कमी से तो अरसे से ही रहा था मगर अब चीन, तुर्किये और बेल्जियम से भी खतरे की घंटी बज रही है। वहां मशीनों से बनने वाले कालीन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भदोही के सामने ताल ठोंक रहे हैं।
चावल निर्यात में छट सभी के लिए फायदे का सौदा!
केंद्र ने इसी हफ्ते गैर बासमती चावल के निर्यात से प्रतिबंध हटा दिया और उसकी जगह 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगा दिया। कारोबार के सूत्रों के अनुसार इससे केंद्र ने एक तीर से दो शिकार किए। केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इस्तेमाल होने वाले सस्ते चावल का भारत से निर्यात नहीं हो और दूसरे, चावल की प्रीमियम किस्मों 'सोना मसूरी' और 'गोविंद भोग' के निर्यात में कोई अड़चन भी न रहे।
कुछ क्षेत्रों के लिए खरीद नियम हो सकते हैं सरल
सरकार मेक इन इंडिया कार्यक्रम पर नजर रखते हुए नए और नवोन्मेषी उत्पादों के उत्पादन बढ़ाने के लिए सार्वजनिक खरीद नियम को उदार बनाने पर विचार कर रही है।
डॉलर के मुकाबले मजबूत रहा रुपया यूरो और पाउंड के सामने लड़खड़ाया
कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया करीब-करीब स्थिर रहा है और अब तक महज 0.59 प्रतिशत की गिरावट आई है, वहीं यूरो और पाउंड के मुकाबले रुपये में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
पीवीआर आईनॉक्स का प्रदर्शन होगा उम्दा
अगस्त के पहले सप्ताह में निचले स्तर को छूने के बाद से भारत की सबसे बड़ी मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर पीवीआर आईनॉक्स (पीवीआर) का शेयर करीब 20 प्रतिशत चढ़ा है। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स में 9 प्रतिशत की तेजी आई है।
अगले 5 साल में भारत से निर्यात करने पर विचार
कारफू भारत में क्लस्टर प्रारूप के जरिये विस्तार की योजना बना रही है और क्विक कॉमर्स क्षेत्र में भी उतरने पर विचार कर रही है। कार के अंतरराष्ट्रीय भागीदारी में कार्यकारी निदेशक पैट्रिक लासफार्गेस और अपैरल समूह के मालिक नीलेश वेद ने शार्लीन डिसूजा के साथ खास बातचीत में भारतीय बाजार के लिए फ्रांस की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी की योजनाओं के बारे में चर्चा की। प्रमुख अंश....
एचयूएल से भी तेज गति से बढ़ रही छोटी एफएमसीजी फर्मों
पिछले सप्ताह यूनिलीवर के मुख्य वित्तीय अधिकारी फर्नांडो फर्नांडिस बर्न्सटीन एनुअल पैन यूरोपियन स्ट्रैटजिक डिसीजंस सम्मेलन में कहा कि यदि भारत में अपनी हैसियत बनाए रखने के लिए वह करोड़ों डॉलर लगाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।