सभी महत्त्वपूर्ण वैश्विक कंपनियां बहुराष्ट्रीय हैं। कई बड़ी भारतीय कंपनियों ने भी विदेशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी गतिविधि शुरू की है। परंतु अभी भी यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां क्षमताएं और नियम-कायदे प्रारंभिक स्तर पर हैं। वैश्विक कंपनियों को भारत में सेवा उत्पादन का उपयोग करते देखना एफडीआई की भूमिका पर प्रकाश डालता है। वैश्विक कंपनियों ने भारतीय श्रम शक्ति का लाभ उठाने का अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए हरसंभव तरीका अपनाया है।
वे भारतीय सेवा कंपनियों को दूरवर्ती अनुबंध के माध्यम से काम पर रखते हैं। वे वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और सीमित जगहों पर एफडीआई करते हैं। वे भारत में जीसीसी का इस्तेमाल एक ऐसे मंच के रूप में करते हैं जिनकी मदद से वे भारतीय सेवा कंपनियों को दिए जाने वाले अनुबंधों की बातचीत और निगरानी करते हैं। वैश्वीकरण का लाभ लेने के लिए अनुबंध और एफडीआई के ऐसे ही मिश्रण की आवश्यकता होती है।
भारतीय कंपनियों को एफडीआई से फायदा क्यों हो सकता है? सफल एफडीआई पहल से निर्यात बढ़ाने में मदद मिलती है, परिचालन को लेकर वैश्विक आशावाद उत्पन्न होता है और घरेलू प्रतिस्पर्धा मजबूत होती है। इससे विश्व बाजार तक पहुंच मजबूत होती है और भारतीय अर्थव्यवस्था में धीमेपन के दौर में कंपनी का जोखिम कम होता है। भारतीय माहौल की एक विशिष्टता जो वैश्विक कंपनियों में नहीं पाई जाती है वह है भारतीय कराधान और पूंजी नियंत्रण के साथ कम संबद्धता के कारण होने वाला लाभ। यह एफडीआई में प्रवेश की तयशुदा लागत के लिए भुगतान करने में मददगार साबित होता है।
この記事は Business Standard - Hindi の November 27, 2024 版に掲載されています。
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महाराष्ट्र में नई सरकार के लिए और बढ़ा इंतजार
चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह बाद भी महाराष्ट्र में सरकार का गठन नहीं हो पाया है। महायुति गठबंधन में शामिल दलों के बीच मुख्यमंत्री पद और विभाग बंटवारे को लेकर उसी दिन से रस्साकशी चल रही है और कई दौर की वार्ताओं के बावजूद मामला हल नहीं हुआ है।
संभल मस्जिद में सर्वेक्षण पर रोक
'उच्च न्यायालय का रुख स्पष्ट होने तक कार्यवाही न बढ़े'
यूपीआई खाते में रखें कम पैसा, घटेगा जालसाजी का अंदेशा
नकद के बगैर खरीदारी और भुगतान की सुविधा देने वाले यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने आम लोगों की जिंदगी जितनी सरल की है, धोखाधड़ी की गुंजाइश भी उतनी ही बढ़ गई है। वित्त मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी सितंबर तक धोखाधड़ी की 6.32 लाख घटनाएं दर्ज की गई थीं, जिनमें लोगों को 485 करोड़ रुपये का चूना लग गया था।
जैव विविधता संकट पर आंख खोलने की जरूरत
भारत ने हाल ही में कोलंबिया के कैली में जैव विविधता से जुड़े अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (सीबीडी) के 16वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-16) में भाग लिया है।
यूपीआई धोखाधड़ी का मुकाबला
बीते कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान लेनदेन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिला है। बहरहाल, देश के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में इस असाधारण वृद्धि के साथ ही धोखाधड़ी के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल आसियान की दुविधा
अमेरिकी व्यापार नीति आसियान अर्थव्यवस्थाओं को चीन के साथ गहन रिश्ते बनाने की ओर धकेल सकती है। दोनों के बीच की मुश्किलों के बीच भी यह संभव है। बता रही हैं अमिता बत्रा
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर डॉलर बॉन्ड पर
हिंदुजा लीलैंड फाइनैंस की नजर इस वित्त वर्ष के अंत में डॉलर बॉन्ड जारी करके 30 से 50 करोड़ डॉलर जुटाने पर है।
जीएसटी दरें बढ़ाकर राजस्व बढ़ाएं
पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद को कर की दरें बढ़ाने पर गंभीरता से सोचना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि इससे न केवल कर राजस्व बेहतर होगा बल्कि मुआवजा उपकर की एक बार समाप्ति होने की स्थिति में नया शुल्क लगाने की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी।
देश के बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 3.1 फीसदी बढा
देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की उत्पादन वृद्धि अक्टूबर में सालाना आधार पर सुधर कर 3.1 प्रतिशत हो गई। सितंबर में यह आंकड़ा सुधरकर 2.4 प्रतिशत हुआ था।
दूसरी तिमाही में कृषि जीवीए हुआ बेहतर
अच्छे मॉनसून का असर ■ विशेषज्ञों की राय के मुताबिक इसने आने वाली तिमाहियों के बेहतर प्रदर्शन की नींव रखी