खराब या कमजोर क्रिकेट कप्तान अपने फील्डर को उधर भेज देता है, जिस ओर बल्लेबाज ने पिछली गेंद मारी थी। लेकिन अच्छा कप्तान सबसे पहले बल्लेबाज की कमियों, पिच और हालात को भांपता है तथा अपने गेंदबाज की ताकत को ध्यान में रखते हुए इन सबके हिसाब से फील्डिंग सजाता है। अच्छा कप्तान हर गेंद के बाद बौखलाकर अपने फील्डरों की जगह नहीं बदलता है।
मुझे यह उदाहरण इतना अच्छा लगा कि मैं इसे अपने लेख में इस्तेमाल करना चाहता था। मगर यह सोचकर रुक गया कि कारोबारी और आर्थिक लेखन में क्रिकेट का छौंक लगाने की क्या तुक है? लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुझे हिम्मत दे दी है।
पिछले महीने के अंत में जयशंकर ने कहा कि कई लोग विदेश नीति को शतरंज की तरह मानते हैं, लेकिन हकीकत में यह क्रिकेट के अधिक करीब है। उन्होंने कहा, 'यह क्रिकेट की तरह है क्योंकि सबसे पहले तो इसमें कई खिलाड़ी होते हैं। दूसरा, खेल के हालात बदलते रहते हैं। घर में खेलने और विदेश में खेलने में अंतर होता है। कई बार आपका भाग्य अंपायर की मर्जी पर टिका होता है। खेल के तरीके भी कई होते हैं।'
विदेश मंत्री क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ की एक किताब के लोकार्पण के समय बोल रहे थे। अमरनाथ ने 1983 में भारत की पहली क्रिकेट विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाई थी। परंतु क्रिकेट का हवाला कई और जगहों पर भी दिया जाता है।
पिछले दिनों एक लेख में अभिषेक आनंद, जोश फेलमैन और अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा था, '...2022 से विनिमय दर इतनी स्थिर या सपाट रही है, जितनी ऑस्ट्रेलिया में मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) की पिच, जिसमें उछाल ही नहीं है।' लेखक बता रहे थे कि भारतीय रिजर्व बैंक विनिमय दर को किस तरह संभाल रहा है। क्रिकेट का उदाहरण इस्तेमाल करने के लिए उनकी सराहना होनी चाहिए। रिजर्व बैंक के लिए भी यह नई बात नहीं है। पिछले महीने ही इसके गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने वाले शक्तिकांत दास अक्सर इसका सहारा लेते थे।
この記事は Business Standard - Hindi の January 06, 2025 版に掲載されています。
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दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये देगी कांग्रेस
कांग्रेस ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सोमवार को \"प्यारी दीदी योजना\" की घोषणा की, जिसके तहत उसने सत्ता में आने पर राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये की वित्तीय सहायता देने का वादा किया है।
असैन्य परमाणु करार पर काम जारी
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बिहार : परीक्षाओं में पारदर्शिता सवालों के घेरे में
बिहार की राजधानी पटना के बापू परीक्षा परिसर में 13 दिसंबर को शुभम कुमार (नाम परिवर्तित) बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीसीई) दे रहे थे।
वर्ष 2025 के लिए तीन तमन्नाएँ
उद्योग जगत को तकनीक और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में निवेश करना चाहिए। आर्थिक नीति को ढांचागत बदलावों और उत्पादकता पर ध्यान देना चाहिए तथा विचारों की राजनीति होनी चाहिए। बता रहे हैं नौशाद फोर्ब्स
हिचकोले खाती भारत की आर्थिक वृद्धि की गाड़ी
नवंबर के शुरू में मैंने अपने एक आलेख में जिक्र किया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक ही बिना उत्साह आगे बढ़ रही है।
स्थिर यील्ड का बैंकों के लाभ पर पड़ेगा असर
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रोजगार, वृद्धि और मांग पर खास ध्यान
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बैंकों से बुनियादी ढांचे को मिले ज्यादा धन
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लार्जकैप का कटऑफ बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार
पिछले छह महीने में सबसे ज्यादा औसत बाजार पूंजीकरण वाली 100 अग्रणी कंपनियों को लार्जकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है