महाराष्ट्र में आयोजित 'मुंबई संकल्प' कार्यक्रम में एक सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने किया। इसमें वक्ता थे पूर्व थलसेना प्रमुख और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह। उन्होंने सेना में भ्रष्टाचार, 26/11 आतंकी हमला रोकने में तत्कालीन कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की चूक सहित अन्य कई विषयों पर बात की।
जनरल सिंह ने कहा कि जब-जब देश में आत्मनिर्भरता की बात हुई, रक्षा तंत्र में सक्रिय एक मजबूत लॉबी ने उसका विरोध किया। इस कारण भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं हो सका। मौजूदा सरकार में 'मेक इन इंडिया' प्रक्रिया शुरू हुई, तब भी विरोध हुआ, क्योंकि उनका जोर आत्मनिर्भरता पर था ही नहीं । लेकिन हमारा ध्येय है कि हम हर चीज देश में बनाएं और आत्मनिर्भर बनें। कई बार तकनीक हमारे पास नहीं होती, उस स्थिति में दूसरे देशों से तकनीक लेकर इसे आगे बढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए। लेकिन अगर घर में ही गड़बड़ी करने वाले हों, जिनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफाखोरी है, तो यह प्रयोग असफल हो जाता है। सेना में भ्रष्टाचार पर उन्होंने कहा कि सेना को ट्रक आपूर्ति करने वाली कंपनी कहती थी कि वह इसका निर्माण करती है, लेकिन असल में वह तकनीक ही नहीं, पूरा सामान बाहर से मंगा कर उसे असेंबल करती थी। इस तरह, 15-20 लाख रुपये में मिलने वाला ट्रक सेना को एक करोड़ रुपये में बेचा जाता था। दूसरी बड़ी बाधा बाबू तंत्र या लाल फीताशाही है, जो गीतियों को आगे ले जाने में बाधक है। खुद कोई पहल नहीं करना चाहता।
उन्होंने कहा कि बोफर्स के साथ उसकी तकनीक भी खरीदी गई थी। लेकिन 20-25 साल तक वह अलमारी में बंद रही। यह गलती किसकी है? इन्हीं गलतियों के कारण दूसरे देशों के आगे झोली फैलाने की नौबत आती है। लोग इसका फायदा उठाते हैं। 1962 में जो गलती हुई, वह दोबारा न हो।
この記事は Panchjanya の December 11, 2022 版に掲載されています。
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