सच्चाई सामने आती है
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर राहुल गांधी ने कहा, अगर शास्त्रों या भगवद्गीता या उपनिषदों को पढ़ा है, तो आप देख सकते हैं कि सच्चाई हमेशा सामने आती है। आप उसे कैद नहीं कर सकते। आप मीडिया को दबा सकते हैं, आप संस्थानों को नियंत्रित कर सकते हैं, आप सीबीआई, ईडी और सभी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन सच्चाई चमकीली होती है। इसे सामने आने की बुरी आदत होती है। इसलिए किसी भी तरह की पाबंदी, दमन और डराने वाले लोग सच्चाई को सामने आने से नहीं रोक सकते।
अंग्रेजी में उभरा एक नया शब्द है 'हिट जॉब'। इसका हिंदी में कोई सीधा अनुवाद शायद उपलब्ध नहीं है। आधुनिक शब्दकोश इसे 'आपराधिक या राजनीतिक उद्देश्यों के लिए की गई एक पूर्व निर्धारित हत्या' कहते हैं। हत्या नहीं, तो भी उसका प्रयास। अगर बीबीसी फिर से अपनी पुरानी शरारतों पर उतर आया है, तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है। वह तो वही कर रहा है, जो वह करता आ रहा है। सिर्फ यह कहना पर्याप्त नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की दुर्भावनापूर्ण डॉक्यूमेंट्री पक्षपातपूर्ण है।
वास्तव में ब्रिटेन के गार्जियन, इंडिपेंडेंट नामक के अखबार और बीबीसी घोर वामपंथी हैं। इतना ही नहीं, उनका भारत के कम्युनिस्टों, वामपंथियों और कांग्रेस के साथ नजदीक का तालमेल है। देखिए बीबीसी के सफेद झूठ पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया।
इसी प्रकार, अंग्रेजी में उभरा एक और नया शब्द है- 'पोस्टटूथ'। हमारी परंपरा से इसका भी कोई संबंध नहीं रहा है। लिहाजा, हिंदी में इसके लिए भी कोई सटीक शब्द नहीं है। इसका अर्थ यह है कि वह बात, जो सत्य से परे हो, सत्य जब सत्य न रहे, जब झूठ और सच में कोई अंतर ही न हो, जब सही-गलत का विचार तथ्य या ज्ञान के आधार पर होने के बजाय, इस आधार पर होता हो कि किसकी भावना कैसी है और उसे क्या समझाया जा चुका है। गुजरात के दंगे इस तरह के 'पोस्ट-ट्रुथ' का एक के बहुत अच्छा उदाहरण हैं कांग्रेस, कम्युनिस्ट और वामपंथी चाहते हैं, विश्वास करते हैं, उनकी दिली भावना है कि मोदी को गुजरात दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।
この記事は Panchjanya の 05 February 2023 版に掲載されています。
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