एक बड़ी कंपनी के मार्केटिंग विभाग में काम करने वाले मयंक अग्रवाल को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद टी-2 टर्मिनल के एक हिस्से में इंडिगो के ढेरों विमान खड़े दिखे, जो अगले कुछ दिनों में उड़ान भरना शुरू करने वाले थे। भारतीय विमानन कंपनी इंडिगो ने 2019 में 300 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसकी आपूर्ति शुरू हो गई है। टी- 2 टर्मिनल पर वही विमान खड़े हैं। लेकिन कुछ समय बाद ही एयर इंडिया ने 470 विमान की खरीद का ऑर्डर देकर दुनिया को चौंका दिया। यह दुनिया में किसी भी कंपनी द्वारा विमानों की खरीद के लिए किया गया अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। इस सौदे में 400 विमान सिंगल आई यानी छोटे मार्ग के लिए हैं, जबकि 70 विमान लंबे मार्ग के लिए रखे गए हैं। यह सौदा 80 बिलियन डॉलर का है। महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिका की बोइंग और फ्रांस की एयरबस के साथ इस सौदे में टाटा समूह ने 370 अतिरिक्त विमानों की खरीद का विकल्प भी रखा है।
धमक भारत की
इस सौदे की अहमियत को इसी बात से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एयर इंडिया - एयरबस सौदे में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने ही नहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी इस सौदे को मील का पत्थर बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने "यह इमैनुएल मैक्रों को विशेष रूप से धन्यवाद देते हुए कहा, महत्वपूर्ण सौदा भारत और फ्रांस के गहरे संबंधों के साथ-साथ भारतीय विमानन क्षेत्र को और मजबूत करेगा तथा दोनों देशों में अवसर पैदा करेगा। यह मजबूत भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है।" फ्रांस के राष्ट्रपति ने ट्वीट कर इस सौदे को भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी का एक नया चरण बताया।
この記事は Panchjanya の PANCHJANYA 05 March 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Panchjanya の PANCHJANYA 05 March 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
शिक्षा, स्वावलंबन और संस्कार की सरिता
रुद्रपुर स्थित दूधिया बाबा कन्या छात्रावास में छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया जा रहा। इस अनूठे छात्रावास के कार्यों से अनेक लोग प्रेरणा प्राप्त कर रहे
शिवाजी पर वामंपथी श्रद्धा!!
वामपंथियों ने छत्रपति शिवाजी की जयंती पर भाग्यनगर में उनका पोस्टर लगाया, तो दिल्ली के जेएनयू में इन लोगों ने शिवाजी के चित्र को फाड़कर फेंका दिया। इस दोहरे चरित्र के संकेत क्या हैं !
कांग्रेस के फैसले, मर्जी परिवार की
कांग्रेस में मनोनीत लोगों द्वारा 'मनोनीत' फैसले लिये जा रहे हैं। किसी उल्लेखनीय चुनावी जीत के बिना कांग्रेस स्वयं को विपक्षी एकता की धुरी मानने की जिद पर अड़ी है जो अन्य को स्वीकार्य नहीं हैं। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव बताते हैं कि पार्टी के पास नए विचार के नाम पर विफलताओं का जिम्मा लेने के लिए खड़गे
फूट ही गया 'ईमानदारी' का गुब्बारा
अरविंद केजरीवाल सरकार की 'कट्टर ईमानदारी' का ढोल फट चुका है। उनकी कैबिनेट के 6 में से दो मंत्री सलाखों के पीछे। शराब घोटाले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की जांच की आंच कभी भी केजरीवाल तक पहुंच सकती है
होली का रंग तो बनारस में जमता था
होली के मौके पर होली गायन की बात न चले यह मुमकिन नहीं। जब भी आपको होली, कजरी, चैती याद आएंगी, पहली आवाज जो दिमाग में उभरती है उसका नाम है- गिरिजा देवी। वे भारतीय संगीत के उन नक्षत्रों में से हैं जिनसे हिन्दुस्थान की सुबहें आबाद और रातें गुलजार रही हैं। उनका ठेठ बनारसी अंदाज। सीधी, खरी और सधुक्कड़ी बातें, लेकिन आवाज में लोच और मिठास। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। अब उनके शिष्यों की कतार हिन्दुस्थानी संगीत की मशाल संभाल रही है। गिरिजा देवी से 2015 में पाञ्चजन्य ने होली के अवसर पर लंबी वार्ता की थी। इस होली पर प्रस्तुत है उस वार्ता के खास अंश
आनंद का उत्कर्ष फाल्गुन
भक्त और भगवान का एक रंग हो जाना चरम परिणति माना जाता है और इसी चरम परिणति की याद दिलाने प्रतिवर्ष आता है धरती का प्रिय पाहुन फाल्गुन। इसीलिए वसंत माधव है। राधा तत्व वह मृदु सलिला है जो चिरंतन है, प्रवाहमान है
नागालैंड की जीत और एक मजबूत भाजपा
नेफ्यू रियो 5वीं बार नागालैंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
सूर्योदय की धरती पर फिर खिला कमल
त्रिपुरा और नागालैंड की जनता ने शांति, विकास और सुशासन के भाजपा के तरीके पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगाई है। मेघालय में भी भाजपा समर्थित सरकार बनने के पूरे आसार। कांग्रेस और वामदल मिलकर लड़े, लेकिन बुरी तरह परास्त हुए और त्रिपुरा में पैर पसारने की कोशिश करने वाली तृणमूल कांग्रेस को शून्य से संतुष्ट होना पड़ा
जीवनशैली ठीक तो सब ठीक
कोल्हापुर स्थित श्रीक्षेत्र सिद्धगिरि मठ में आयोजित पंचमहाभूत लोकोत्सव का समापन 26 फरवरी को हुआ। इस सात दिवसीय लोकोत्सव में लगभग 35,00,000 लोग शामिल हुए। इन लोगों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया गया
नाकाम किए मिशनरी
भारत के इतिहास में पहली बार बंजारा समाज का महाकुंभ महाराष्ट्र के जलगांव जिले के गोद्री ग्राम में संपन्न हुआ। इससे पहली बार भारत और विश्व को बंजारा समाज, संस्कृति एवं इतिहास के दर्शन हुए। एक हजार से भी ज्यादा संतों और 15 लाख श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया। इससे बंजारा समाज को हिन्दुओं से अलग करने और कन्वर्ट करने की मिशनरियों की साजिश नाकाम हो गई