महापुरुषों का संकेत - सावधान रहो, अपनी महान संस्कृति से देश को मत भटकाओ!
Rishi Prasad Hindi|January 2024
हमारे मनीषियों के अनुसार विवाह या शादी अनियंत्रित भोग भोगकर शक्ति का ह्रास करने के लिए नहीं वरन् संयम-सदाचार से रहते हुए अपने ओज-तेज, बल-बुद्धि की रक्षा करते जीवन को भगवद्रस से शाद-आबाद करने हेतु है। दुर्भाग्यवश अपनी संस्कृति की महानता से अनभिज्ञ कुछ भारतीय पाश्चात्यों की नकल करते हुए लिव-इन-रिलेशनशिप (स्वैच्छिक सहवास) जैसी कुप्रथाओं का शिकार हो रहे हैं।
सचिन शेरे
महापुरुषों का संकेत - सावधान रहो, अपनी महान संस्कृति से देश को मत भटकाओ!

विवाह-व्यवस्था खत्म करने का काम करती सिस्टमैटिक डिजाइन: न्यायालय 

हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि "विवाह एक ऐसी व्यवस्था है जिससे मनुष्य को सुरक्षा, सामाजिक स्वीकृति और स्थिरता मिलती है जबकि लिव-इन-रिलेशनशिप में यह असम्भव है। भारत में विवाह-व्यवस्था को खत्म करने के लिए सिस्टमैटिक डिजाइन (योजनाबद्ध व्यवस्था) काम कर रही है।

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