Satyakatha - December 2022Add to Favorites

Satyakatha - December 2022Add to Favorites

Få ubegrenset med Magzter GOLD

Les Satyakatha og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement  Se katalog

1 Måned $9.99

1 År$99.99

$8/måned

(OR)

Abonner kun på Satyakatha

1 år $5.99

Spare 50%

Kjøp denne utgaven $0.99

Gave Satyakatha

7-Day No Questions Asked Refund7-Day No Questions
Asked Refund Policy

 ⓘ

Digital Subscription.Instant Access.

Digitalt abonnement
Umiddelbar tilgang

Verified Secure Payment

Verifisert sikker
Betaling

I denne utgaven

An issue filled with true stories and live incidents, along with articles and short stories that touch hearts and minds.

गोद में खिलाया देवर जब जिस्म से खेलने लगे

सजरा खातून ने देवर मोहम्मद आमिर को गोद में खिलाया था. लेकिन जब वह 17 साल का हो गया तो वह भाभी की गदराई जवानी पर मर मिटा. सजरा भी बांके देवर की आगोश में समा कर मर्यादा भूल गई. फिर इस के बाद जो हुआ...

गोद में खिलाया देवर जब जिस्म से खेलने लगे

10+ mins

लिव इन में रह कर बेटी पर नजर

पूनम की जिंदगी में 3 मर्द आए, एक से विवाह हुआ और बाकी के संग वह सालों तक लिवइन में रही. लेकिन जीवनसाथी कोई नहीं बन पाया. अपनी मरजी की जिंदगी में जब तीसरे मर्द से दिल टूटा, तब उस की देह के ही 10 टुकड़े कर डाले. इस जुर्म को बेटे के माथे पर भी चिपका दिया. पढ़िए, अनैतिक रिश्ते की डोर में बंधी फरेबी प्यार की कहानी...

लिव इन में रह कर बेटी पर नजर

6 mins

प्यार बना कंकाल

खुशबू प्रेमी गौरव को दिलोजान से चाहती थी, लेकिन गौरव उसे केवल मौजमजे की चीज समझता था. खुशबू उस के कपटी दिल को नहीं भांप सकी, इसलिए उस ने जब गौरव पर शादी करने का दबाव बनाया तो उस का प्यार कंकाल में ऐसे बदला कि...

प्यार बना कंकाल

7 mins

सैक्स के दौरान फेविविचक से चिपका प्रेमी युगल

अवैध संबंध, अंधविश्वास से ले कर जघन्य हत्या की इस कहानी में न सच्चे प्यार की सौगंध थी, न कोई सुगंध... और न ही सामाजिक मानमर्यादा का कोई खयाल, शर्मलिहाज. नतीजा एक टीचर और उस की प्रेमिका तांत्रिक के कहने पर उस के सामने ही सैक्स की नुमाइश कर बैठे. फिर जो हुआ, उस दिल दहला देने वाली वारदात में मानवता भी शर्मसार हो गई.

सैक्स के दौरान फेविविचक से चिपका प्रेमी युगल

8 mins

पिता के दोस्त पर आया बेटी का दिल

कहते हैं प्रेम और आकर्षण की कोई उम्र नहीं होती. इन में न रिश्ते देखे जाते हैं और न ही उन की कोई अहमियत होती है. 2 दोस्त जो एकदूसरे के लिए न केवल जीतेमरते आए थे, बल्कि एकदूसरे के सुख और दुख दुख में भी साथ निभाते आए थे, लेकिन दोस्त की बेटी पर दिल क्या आया कि कई वर्षों से चली आ रही यह दोस्ती पलभर में ऐसी दुश्मनी में बदल गई कि...

पिता के दोस्त पर आया बेटी का दिल

6 mins

बहनोई की मोहब्बत में अंधी हुई विवाहिता

चचेरे बहनोई से दिल लगाने वाली प्रियंका इश्क में अंधी हो चुकी थी. उस की मोहब्बत में आड़े आने वाला हर व्यक्ति उस का जानी दुश्मन था. उस ने पहले नापसंद पति को रास्ते से हटाने की कोशिश की. वह बच गया. फिर उस ने जो किया, उसे मोहब्बत की जंग में जायज कतई नहीं ठहराया जा सकता...

बहनोई की मोहब्बत में अंधी हुई विवाहिता

6 mins

प्यार में लगी सेंध

सीमा वैसे तो शिवम मिश्रा की प्रेमिका थी, लेकिन जब एक दिन शिवम ने उस की मुलाकात अपने दोस्त शालू से कराई तो सीमा पहली मुलाकात में ही शालू को दिल दे बैठी. जिगरी दोस्त द्वारा प्यार में सेंध लगाए जाने पर शिवम ने जो कदम उठाया वह...

प्यार में लगी सेंध

6 mins

एक तीर से 2 शिकार

35 लाख की बीमा की रकम पाने के लिए बद्रीप्रसाद मीणा ने पत्नी पूजा की हत्या की सुपारी दे दी. वह ऐसा कर के एक तीर से 2 शिकार करना चाहता था. लेकिन गूगल के चलते बात कुछ ऐसी उलझ गई कि बद्री अपने ही जाल में फंस गया...

एक तीर से 2 शिकार

8 mins

बिछुड़ा राही प्यार का

गुलफ्शा और समीर सलमानी के प्रेम संबंध दिनोंदिन मजबूत होते जा रहे थे. समीर के घर वाले उस का निकाह गुलफ्शा से कराने को भी राजी हो गए थे, लेकिन गुलफ्शा के भाइयों ने उन का प्रस्ताव ठुकराने के बाद जो क कदम उठाया, वह...

बिछुड़ा राही प्यार का

6 mins

आशिकी की आग

संजय बघेल और नारायणी की खुशहाल जिंदगी में खलल तब पड़ गई थी, जब नारायणी की नजर दूर के एक रिश्तेदार तहसीलदार सिंह बघेल की कुलबुलाती कामकुता पर जा टिकी.... और फिर वासना के उठे उफान को दोनों में से किसी ने थामने की कोशिश नहीं की. जब पति से अधिक प्रेमी प्रिय बन गया, तब जो कुछ हुआ उस का जिम्मेदार कौन था— नारायण की बेवफाई या फिर उस की वासना में अंधा बना अनैतिकता की राह चुनने वाला प्रेमी तहसीलदार बघेल?

आशिकी की आग

6 mins

मोहबत के लिए सहेलियों में ऐलन ए जंग

अनुराधा नायक और ज्योति धानका दोनों सहेलियां फाइनेंसर पिंटू से कम ब्याज पर पैसे ले कर अन्य लोगों को ज्यादा ब्याज पर देती थीं. दोनों ही पिंटू को प्यार करती थीं और उस पर अपना अपना प्रभाव जमाने की कोशिश में लगी रहती थीं. इसी दौरान ऐसा क्या हुआ कि अनुराधा ज्योति की जान की दुश्मन बन बैठी. और फिर...

मोहबत के लिए सहेलियों में ऐलन ए जंग

9 mins

बहके कदमों का खूनी अंजाम

टीना की शादी उस से 14 साल बड़े पवन शर्मा के साथ हुई थी. कुछ दिनों तक इस बेमेल दंपति की गृहस्थी ठीक चली, उस के बाद अपनी शारीरिक जरूरतें पूरी करने के लिए टीना के कदम बहक गए. इन बहके हुए कदमों का जो खूनी अंजाम निकला, वह....

बहके कदमों का खूनी अंजाम

9 mins

अनोखा चोर

संतोष वर्मन चोरी करने के लिए जयकुमार के घर में घुसा तो उसे वहां चुराने लायक कोई सामान नहीं मिला. तब वह उस की 13 वर्षीय बेटी श्यामली को ही कंधे पर उठा कर ले गया. श्यामली उसे इतनी अच्छी लगने लगी कि वह हमेशा के लिए उसे अपने पास रखना चाहता था, लेकिन इस से पहले ही...

अनोखा चोर

7 mins

अपनों के खून से रंगे माला जपने वाले हाथ

महेश तिवारी धार्मिक स्वभाव का था. वह घर पर काफी देर तक पूजापाठ करता रहता था. आखिर एक दिन ऐसा क्या हुआ कि माला जपने वाले उस के हाथ अपने ही परिवार के 5 जनों के खून से रंग गए?

अपनों के खून से रंगे माला जपने वाले हाथ

7 mins

Les alle historiene fra Satyakatha

Satyakatha Magazine Description:

UtgiverDelhi Press

KategoriEntertainment

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Satyakatha is a monthly Hindi-language magazine published by Delhi Press. It is one of the most popular Hindi magazines in the country. The magazine is known for its short stories, which are often based on real-life events.

Satyakatha has published stories by some of the greatest Hindi writers, including Munshi Premchand, Phanishwar Nath Renu, and Bhisham Sahni. The magazine has also published stories by emerging writers, giving them a platform to showcase their talent.

Satyakatha is a valuable resource for anyone who enjoys reading short stories. It is a must-read for anyone who is interested in Indian literature and culture.

If you are looking for a magazine that will help you to explore the world of Hindi short stories, then Satyakatha Magazine is the perfect resource for you. Subscribe today and start your journey into the world of Hindi literature!

  • cancel anytimeKanseller når som helst [ Ingen binding ]
  • digital onlyKun digitalt
MAGZTER I PRESSEN:Se alt