Akhand Gyan - Hindi - December 2019Add to Favorites

Akhand Gyan - Hindi - December 2019Add to Favorites

Få ubegrenset med Magzter GOLD

Les Akhand Gyan - Hindi og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement  Se katalog

1 Måned $9.99

1 År$99.99 $49.99

$4/måned

Spare 50%
Skynd deg, tilbudet avsluttes om 17 Days
(OR)

Abonner kun på Akhand Gyan - Hindi

Kjøp denne utgaven $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Gave Akhand Gyan - Hindi

I denne utgaven

Akhand Gyan Hindi December 2019

बुद्धि बड़ी है या परिश्रम ?

जहाँ मनोयोग है, वहाँ विवेकपूर्ण बुद्धिमत्ता व निष्ठापूर्ण परिश्रम अपने-आप सम्मिलित हो जाते हैं। हर कर्तव्य- कर्म पूर्णता के साथ सम्पन्न होने लगता है।

बुद्धि बड़ी है या परिश्रम ?

1 min

सदगुरु दीक्षा में क्या देते हैं ?

(आपने पिछले अंक में पढ़ा कि सदगुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। पर प्रश्न है कि गुरु ज्ञान-दीक्षा में देते क्या हैं? हमने शाय्त्रीय व ऐतिहायिक प्रमाणों व उदाहरणों से यह भी जाना कि मात्र शा्त्र-ग्रंथों का पठन-पाठन ही ज्ञान नहीं है। न ही ज्ञान-दीक्षा का अर्थ ऋद्धि-शिद्धि प्राप्त कर लेना है। तो क्या ज्ञान हठयोग की क्रियाओं को सीख लेना है या कल्पनाजगत में उड़ान भरना है? आइए जानें...)

सदगुरु दीक्षा में क्या देते हैं ?

1 min

एका। तुझे माँ गीता का सौन्दर्य दिखाना है!

आपने विगत अंक में पढ़ा, एका ने 'गारुड़ी-भराड़ी' का अभिन्न अभिनय किया। साथ ही, इस सम्पूर्ण गीत की परतों में छिपा मार्मिक तत्त्वज्ञान भी समझाया। जीव, माया और आत्माइन तीनों तत्त्वों की एका ने ऐसी गहरी व्याख्या की, मानो किसी महान आत्मज्ञानी की वाणी प्रस्फुटित हुई हो। उधर कचहरी में जब एका की नाट्य-कला का समाचार पहुँचा, तो सभी कर्मचारियों सहित स्वयं जनार्दन स्वामी समय से पहले ही किले पर वापिस लौट आए। कोट में खड़े होकर उन्होंने जब यह अद्भुत मंचन देखा, तो प्रसन्‍न वदन हो साधुवाद कर उठे। उसी क्षण उन्होंने निर्णय लिया कि एका को रसोईघर की नहीं, कचहरी की सेवा में लगाना चाहिए। इतनी कुशाग्र बुद्धि वाले बालक को तो हिसाब-किताब और वेदान्तिक ग्रंथो का सुक्ष्म अध्ययन करना सिखाना चाहिए। उनके इस निर्णय का पहला कदम था - एक पत्र लिखना। उस पत्र में क्या लिखा और किसे लिखा- आइए जानें...!.

एका। तुझे माँ गीता का  सौन्दर्य दिखाना है!

1 min

बौद्धिक आतंकवाद

बौद्धिक आतंकवादियों की लेखनी अनियंत्रित हो जहर उगल रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर आज ये दुष्ट कहीं तो हमारे महान ग्रंथों को काल्यनिक, अवैज्ञानिक, शेतानी कोष बतला रहे हैं; और कहीं हमारे आराध्यों को खलनायकों की श्रेणी में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं।

बौद्धिक आतंकवाद

1 min

तूने मुझे रोग दे दिया!

सद्गुरु और शिष्य का रिश्ता अलौकिक होता है। इसका हर पक्ष दिव्य है। आइए, इस रिश्ते से जुड़ा एक प्यारा सा प्रसंग पढ़ते हैं। यह दृष्टांत महाप्रभु चैतन्य तथा उनके शिष्य से संबंधित है। इससे हम गुरु-चरणों में अपनी भक्ति को सुदृढ़ व प्रेममय बनाने की प्रेरणा पा सकेंगे...

 तूने मुझे रोग दे दिया!

1 min

नाभि - कुदरत की अनमोल देन !

आज की आधुनिक जीवन-शैली में सेहत और त्वचा संबंधी समस्याएँ बढ़ती ' जा रही हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का पार पाने के लिए हम डॉक्टर के पास जाते हैं। दवाओं पर पैसा पानी की तरह बहाते हैं।

नाभि - कुदरत की अनमोल देन !

1 min

कवि शिरोमणि कालिदास

संस्कृत साहित्य में भारत के एक विलक्षण और महान कवि हुए कवि - कालिदास। इनकी अप्रतिम रचनाओं को देश-विदेश के विद्वान कवियों द्वारा खूब सराहना मिली।

कवि शिरोमणि कालिदास

1 min

'ईथरीय से ईश्वरीय आवाज़ो का जफर!

हे ईश्वर, हमारे जीवन में भी ऐसे पूर्ण सदगुरु का पदार्पण हो, जो ब्रह्मज्ञान प्रदान कर हमारी आंतरिक कर्ण-शक्ति को सक्रिय करें। जिसके फलस्वरूप हम अपने भीतर आपके दिव्य एवं कल्याणकारी निर्देशों को सुन सकें।

'ईथरीय से ईश्वरीय आवाज़ो का जफर!

1 min

ज्योतिर्लिंगों का स्वर्णिम स्पाइरल

पाठकों, पिछले अंक में आपने शिवलिंग के ऐतिहायिक, पौराणिक, दार्शनक एवं आध्यात्मिक पथों को विस्तारपूर्वक्त जाना। आइए, 'अंतःतीर्थ' की इस दूसरी कड़ी में ज्योतिर्लिंगों के वैज्ञानिक एवं तात्विक पक्षों को आपके समक्ष उजागर करते हैं।

ज्योतिर्लिंगों का स्वर्णिम स्पाइरल

1 min

करुणावतार श्री आशुतोष !

क्यों हमें बार-बार साधना करने के लिए कहा जाता है? हर सप्ताह सत्संग सुनो, सत्संग सुनोक्‍यों यही शग हमें निरंतर सुनाया जाता है? सेवा करने के लिए तो विशेष सुझाव दिए जाते हैं, ऐसा क्यों? आखिर गुरु महाराज जी इतने कठोर क्‍यों हैं, जो हमें इतनी-इतनी अज्ञाओं में बाँध कर रखते हैं?

करुणावतार श्री आशुतोष !

1 min

Les alle historiene fra Akhand Gyan - Hindi

Akhand Gyan - Hindi Magazine Description:

UtgiverDivya Jyoti Foundation

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Akhand Gyan is a monthly spiritual magazine of Divya Jyoti Jagrati Sansthan. With a new rainbow collection every month, it encapsulates more than 60 versatile shades of write-ups, such as: Corporate Spirituality, Personality Bytes, Healing Herbs, Vedic-o-logy, Grooming Relationships, Self-Analysis Zone, Kindergarten, and many more. It provides deep insight into the solutions of problems prevailing in life and society today, with a comprehensive outlook from spiritual, scientific and philosophical perspectives. Akhand Gyan is available in three languages: English, Hindi and Punjabi, all with unique and inspirational contents.

  • cancel anytimeKanseller når som helst [ Ingen binding ]
  • digital onlyKun digitalt