Akhand Gyan - Hindi - March 2020Add to Favorites

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Akhand Gyan Hindi March 2020

मुझमें इतना सामर्थ्य नहीं!

पूरे कुलिया प्रदेश में श्रीमद्भागवत भास्कराचार्य के रूप में कथाव्यास देवानंद पंडित के नाम की ख्याति फैली हुई थी। एक-एक प्रसंग को जब वह अलंकारों तथा तर्कों-वितर्कों से सजाकर सुनाता था, तो श्रोतागण अवाक् रह जाते थे।

मुझमें इतना सामर्थ्य नहीं!

1 min

वह फूलगोभी ही क्यों ले गया?

अक्सर देखा गया है, शिष्य अपने गुरु द्वारा कहे वचनों में छिपे रहस्यों को आसानी से नहीं समझ पाता। इसलिए गुरु को शिष्य के ही स्तर पर उतरकर उसे समझाना पड़ता है।

वह फूलगोभी ही क्यों ले गया?

1 min

याचक कौन?

भारत के संतों ने सदैव त्याग की अनूठी मिसालें पूरे विश्व के आगे रखी हैं। परन्तु संतों के इसी त्याग को कई बार गलत समझ लिया जाता है और उन्हें याचक का संबोधन दे दिया जाता है।

याचक कौन?

1 min

श्रेष्ठ कौन- जो दुष्टता को साधुता से जीते!

वाराणसी के राजा- ब्रह्मदत्त!... उनकी प्रसिद्धि चहुँ दिशाओं में फैली थी। वे विवेक व नीतिपरायणता द्वारा अपने राज्य का संचालन करते थे।

श्रेष्ठ कौन- जो दुष्टता को साधुता से जीते!

1 min

शिष्य बना योद्धा

आपने विगत कड़ी में पढ़ा था, एका 14 वर्ष का ऊर्जावान किशोर हो गया। कद-काठी से सुडौल, जो गुरु जनार्दन स्वामी के समस्त दायित्वों का वहन करने हेतु सदैव तत्पर रहता। एक गुरुवार उसे बहीखातों में एक पाई के हिसाब की गड़बड़ी मिली। उसे ठीक करने के लिए वो गर्दन झुकाकर, एकाग्र दृष्टि से पूरा दिन व पूरी रात जुटा रहा। जनार्दन स्वामी ने प्रसन्न भाव से उसके कर्तव्य बोध की भूरि-भूरि प्रशंसा की। परन्तु साथ ही, उसे इसी लगन और एकनिष्ठा से आत्मचिंतन की जिज्ञासा रखने के लिए भी प्रेरित किया। अब आगे....

शिष्य बना योद्धा

1 min

भक्ति-मुक्ति का साधन है साधना!

यदि आपकी धर्म-ग्रंथों में आस्था है, तो उनमें वर्णित अवतारी महापुरुषों की उद्घोषणाओं पर अवश्य मनन करें...

भक्ति-मुक्ति का साधन है साधना!

1 min

Les alle historiene fra Akhand Gyan - Hindi

Akhand Gyan - Hindi Magazine Description:

UtgiverDivya Jyoti Foundation

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Akhand Gyan is a monthly spiritual magazine of Divya Jyoti Jagrati Sansthan. With a new rainbow collection every month, it encapsulates more than 60 versatile shades of write-ups, such as: Corporate Spirituality, Personality Bytes, Healing Herbs, Vedic-o-logy, Grooming Relationships, Self-Analysis Zone, Kindergarten, and many more. It provides deep insight into the solutions of problems prevailing in life and society today, with a comprehensive outlook from spiritual, scientific and philosophical perspectives. Akhand Gyan is available in three languages: English, Hindi and Punjabi, all with unique and inspirational contents.

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