Bhugol aur Aap - August - September 2020Add to Favorites

Bhugol aur Aap - August - September 2020Add to Favorites

Få ubegrenset med Magzter GOLD

Les Bhugol aur Aap og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement  Se katalog

1 Måned $9.99

1 År$99.99 $49.99

$4/måned

Spare 50%
Skynd deg, tilbudet avsluttes om 12 Days
(OR)

Abonner kun på Bhugol aur Aap

Kjøp denne utgaven $0.99

Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.

Gave Bhugol aur Aap

I denne utgaven

यह एक संयुक्तांक है। इसमें अगस्त और सितंबर माह के अंकों को संयुक्त रूप से प्रकाशित किया गया है। यह अंक आगामी संघीय तथा राज्य सिविल सेवा प्रारंभिक मुख्य परीक्षाओं के लिए अति उपयोगी के लिए उपयोगी हैं तो वहीं समसामयिक घटनाक्रम, अभ्यास प्रश्न, इंडेक्स, टर्मिनोलॉजी, यूपीएससी क्लासरूम जैसे नियमित स्तंभ प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए अति उपयोगी हैं। कोविड-19 पैंडेमिक के बावजूद छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुये यह संयुक्तांक प्रकाशित किया गया है। आशा है आपको जरूर पसंद आएगा।

मध्यम वर्ग-बिना किसी वर्ग का एक वर्ग

यदि कोई एक चीज जो भारत में 'वर्ग' के प्रश्न को चरितार्थ करता है, वह है मध्यम वर्ग का लेबल लगना व इसमें शामिल होने की आकांक्षा। यही अवधारणा मध्यम वर्ग की श्रेणी को एक सर्व-विस्तारवादी बनाता है और कुछ हद तक एक मिश्रित थैला भी। इस उभरा हुआ और विकृत मध्यम वर्ग के परिणामस्वरूप, इसके नीचे के बहुत कम परिभाषित या सीमांकित निम्न या कामकाजी वर्ग को ढक लेने की तथा इससे ऊपर के विशेषाधिकार प्राप्त मलाईदार ऊपरी वर्ग से ध्यान हटाने की प्रवृत्ति रही है। अपनी अस्पष्टता के संदर्भ में भारत में 'वर्ग' प्रश्न की भ्रामक प्रकृति, अंतर-पारस्परिकता के कारण जाति रूपी एक अन्य बदनुमा स्तरीकरण की वजह से जटिल हो जाती है।

मध्यम वर्ग-बिना किसी वर्ग का एक वर्ग

1 min

तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की बाढ़ से लड़ने की क्षमता

तटीय क्षेत्र कई मानव जनित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें जल निकायों का अतिक्रमण भी शामिल है, जो उनकी बाढ़ से टालने की क्षमता को बाधित करता है। मुंबई, चेन्नई और कोच्चि के तटीय शहरों में हाल की बाढ़ इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। भले ही सरकार ने 1991 में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) अधिसूचना जारी की हो, लेकिन इसका क्रियान्वयन एक चुनौती है। कोच्चि में चार लक्जरी अपार्टमेंट परिसरों, जिनका निर्माण सीआरजेड अधिसूचनाओं का उल्लंघन था, को गिराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का हालिया आदेश एक अपवाद है।

तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की बाढ़ से लड़ने की क्षमता

1 min

भारत में जाति व्यवस्था की प्राचीनता और निरंतरता: एक दलित परिप्रेक्ष्य

हजार वर्षों से अधिक समय से भारत में जाति व्यवस्था क्यों जारी है, यह एक ऐसा सवाल है जो बहुतों को चकित करता है। इसे समझने के लिए हमें अपने अतीत पर ध्यान देना होगा और जानना होगा कि पीढ़ी दर पीढ़ी इसे कैसे हस्तांतरित किया जाता रहा है। ज्यादातर लोग जो इससे इंकार करते हैं, वे व्याख्या करते हैं कि यह केवल विवाह में एक भूमिका निभाती है। तो क्या सजातीय विवाह जाति व्यवस्था के बनाये रखने के लिए एकमात्र सबसे बड़ा कारक नहीं है? इसलिए इस प्रणाली को जीवित रखने वाले कारकों पर फिर से प्रकाश डालने की जरूरत है और यह जानने की भी जरूरत है कि वे कौन से कारक हैं जो आज भी इसे पोषण प्रदान कर रहे हैं? जाति व्यवस्था की अभिव्यक्ति और इससे जुड़ी असमानता और हिंसा काफी व्यापक हैं।

भारत में जाति व्यवस्था की प्राचीनता और निरंतरता: एक दलित परिप्रेक्ष्य

1 min

जलवायु अस्थिरता और भारत में श्रम प्रवासन

जलवायु-प्रेरित प्रवासन ने श्रम प्रशासन के लिए नई उभरती चुनौतियों को सामने रखा है। पहले से मौजूद क्षेत्रीय असमानताएं, मौजूदा गरीबी स्तर, बिखरे हुए और मौजूदा श्रम कानूनों की आंशिक प्रकृति, आदि हमें जलवायु प्रवासियों की कमजोर स्थितियों के और बदतर होने के बारे में सचेत करते हैं।

जलवायु अस्थिरता और भारत में श्रम प्रवासन

1 min

भारत में सड़क अवसंरचना

सड़क परिवहन को भारत में अवसंरचना का आधार कहा जा सकता है। इसके कई कारण भी हैं। परिवहन अवसंरचना की अपर्याप्तता से कच्चे माल की आपूर्ति करने तथा तैयार माल की बाजार स्थल तक लाने व ले जाने दोनों ही मामलों में अवरोध उत्पन्न होते हैं।

भारत में सड़क अवसंरचना

1 min

जूम वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग ऐप पर विवाद

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 16 अप्रैल, 2020 को जूम वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग ऐप के इस्तेमाल के बारे में दो पृष्ठों का परामर्श जारी किया। यह परामर्श मंत्रालय के अधीन 'साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर' (साइकॉर्ड) ने जारी किया और 'इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम' (सीईआरटी-इन) का हवाला दिया गया।

जूम वीडियोकॉन्फ्रेंसिंग ऐप पर विवाद

1 min

Les alle historiene fra Bhugol aur Aap

Bhugol aur Aap Magazine Description:

UtgiverIRIS Publication Pvt. Ltd

KategoriScience

SpråkHindi

FrekvensBi-Monthly

The only environment and development magazine in Hindi, Bhugol aur Aap deals with issues ranging from poverty to energy. With up-to-date authentic data, the magazine is being published for over a decade now and has garnered the interest of readers from all over India. Targeted to benefit students the magazine is a must read for all aspiring environmentalists, researchers and exam-oriented young adults.

  • cancel anytimeKanseller når som helst [ Ingen binding ]
  • digital onlyKun digitalt