Rishimukh Hindi - October 2020Add to Favorites

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Voice of Peace, Navratri - A 9-day journey to the Center of Your Self, Wisdom from the Master, Annapoorna - From ‘Fullness to Fullness’, Navratri - An Immersion in Ultimate Bliss, Healing the Accused, Shramdaan and Tree Plantation by Volunteers in Bilaspur, Q & A and more...

नवरात्रि-अपने भीतर जाने के लिये ९-दिवसीय यात्रा

नवरात्रि हमारी आत्मा को उन्नत करने के लिये मनाये जाते हैं। यह हमारी आत्मा ही है, जो सभी नकारात्मक गुणों (जड़ता, अभिमान, जुनून, राग, द्वेष आदि) को नष्ट कर सकती है। नवरात्रि के दौरान भीतर की ओर मुड़कर और आत्मा से जुड़कर, हम इन नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर कर सकते हैं और हमारे भीतर मौजूद सकारात्मक गुणों का आह्वान कर सकते हैं । इस प्रकार, हम उन्नत और पांतरित अनुभव कर सकते हैं।

नवरात्रि-अपने भीतर जाने के लिये ९-दिवसीय यात्रा

1 min

भगवद् गीता-दिव्य गान

ब्रह्मांड चेतना की एक शानदार अभिव्यक्ति है। यहां जो कुछ भी आप देख रहे हैं, वह और कुछ नहीं है, बल्कि चेतना की अपनी संपूर्ण कांति के साथ अभिव्यक्ति है। अपनेपन का बोध, जिस की अनुभूति हर वस्तु और हर जीव को होती है, कुछ और नहीं बल्कि उस ‘संपूर्ण' का एक भाग है। गीता इसी से शुरू होती है ...

भगवद् गीता-दिव्य गान

1 min

अन्नपूर्णा पूर्णता से पूर्णता की ओर

एक बार कैलाश पर्वत पर पार्वती जी ने शिवजी को पासों का खेल खेलने के लिए आमंत्रित किया। जैसे एक पिता अपने बच्चे को खुश करने के लिए उसके साथ खेलता है, शिवजी मुस्कुराए और तैयार हो गए।

अन्नपूर्णा पूर्णता से पूर्णता की ओर

1 min

जब देवी ने अनंत का अनावरण किया

जब देवी ने अनंत का अनावरण किया

जब देवी ने अनंत का अनावरण किया

1 min

देवी की अनंत ज्योति

धर्मशाला से करीब ५० किलोमीटर दूर हिमाचल के शिवालिक की गोद में ज्वाला जीष्कांगड़ा जगह उपस्थित है। ज्वाला जी या ज्वालामुखी ऐसे ही अनूठे स्थानों में से एक हैं, जहां आग की लपटें जलती हुई रहती है , कहा से यह ज्ञात नहीं है जिस समय से यह जाना जाता है । नौ लपटें जवरात्रिके नौ देवी के रूप को दर्शाती हैं। ये लपटें सदियों से जल रही हैं, बिना रोके एवम बिना किसी ईधन के -देवी की शाश्वत ज्वाला।

देवी की अनंत ज्योति

1 min

व्रत का विज्ञान

लोग व्रत क्यों रखते हैं? इसे धर्म में क्यों रखा गया है क्या यह तप है या क्या इसके कुछ लाभ हैं ?

व्रत का विज्ञान

1 min

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Rishimukh Hindi Magazine Description:

UtgiverVVKI

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Dedicated to Ancient Wisdom, Universal Love and Human Values

Rishimukh, the monthly magazine of The Art of Living foundation, is a spiritual publication, dedicated to holistic living and spreading Ancient wisdom, Universal love and care for Human values.

Started in 1987 the magazine has come a long way from being a newsletter of the Art of Living to a full fledged Spiritual Lifestyle Magazine. Rishimukh is full of easy to read articles on a wide variety of spiritual themes.

Every month, the issue contains talks by His Holiness Sri Sri Ravi Shankar, on various topics that give the reader simple solutions to life and how to find peace and happiness from within. The magazine also features practical articles on yoga and ayurvedic techniques that can be incorporated in daily life. There are also genuine stories of inspiration from those who have faced and came through adversity to live happier and more fulfilling lives.

News about the organisation, traditions and spirituality, a children’s corner, your questions answered, ancient knowledge and sacred texts are explained in the magazine. Details of upcoming courses and events are also listed in every issue.

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