VAK - March 2018
VAK - March 2018
Få ubegrenset med Magzter GOLD
Les VAK og 9,000+ andre magasiner og aviser med bare ett abonnement Se katalog
1 Måned $9.99
1 År$99.99 $49.99
$4/måned
Abonner kun på VAK
Kjøp denne utgaven $0.99
Subscription plans are currently unavailable for this magazine. If you are a Magzter GOLD user, you can read all the back issues with your subscription. If you are not a Magzter GOLD user, you can purchase the back issues and read them.
I denne utgaven
March 2018
VAK Magazine Description:
Utgiver: Vani Prakashan
Kategori: Culture
Språk: Hindi
Frekvens: 3 Issues/Year
हिन्दी के विराट जनक्षत्रे में नयी सदी की बेचैनियाँ और आकांक्षाएँ जोर मार रही हैं। हिन्दी के नये पाठक को अब शुद्ध ‘साहित्यवाद’ नहीं भाता। वह समाज को उसके समग्र में समझने को बेताब है। साहित्य के राजनीतिक पहलू ही नहीं, उसके समाजशास्त्रीय, मनोवैज्ञानिक पहलुओं को पढ़ना नये पाठक की नयी माँग है। वह इकहरे अनुशासनों के अध्ययनों से ऊब चला है और अन्तरानुशासनिक ;इंटरडिसिपि्लनरी) अध्ययनों की ओर मुड़ रहा है जहाँ नये–नये विमर्श, उनके नये रंग–रेशे एक–दूसरे में घुलते–मिलते हैं। नयी सदी का पाठक ग्लोबल माइंड का है और भूमंडलीकरण, उदारतावाद, तकनीक, मीडिया, उपभोक्ता, मानवाधिकारवाद, पर्यावरणवाद, स्त्रीत्ववाद, दलितवाद उत्तर–आधुनिक विमर्श, उत्तर–संरचनावादी, चिन्ह, शास्त्रीय विमर्श इत्यादि तथा उनके नये–नये सन्दर्भों, उपयोगों को पढ़ना– समझना चाहता है। थियरीज के इसी ‘हाइपर रीयल’ में उसे पढ़ना होता है। साहित्य भी इस प्रक्रिया में बदल रहा है। प्ााठक भी। ‘वाक्’ इन तमाम नित नए विमर्शों से अपने नये पाठक को लैस करने का प्रयत्न है। ‘वाक्’ हिन्दी में पहली बार ‘परिसर रचना’ की अवधारणा प्रस्तुत कर रहा है।
- Kanseller når som helst [ Ingen binding ]
- Kun digitalt