प्र. क्या एनएलयू के पास छात्रों के लिए छात्रवृत्ति शुरु करने की कोई योजना है, ताकि वे अधिक फीस की समस्या से निपट सकें?
Denne historien er fra January 2020-utgaven av Careers 360 - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra January 2020-utgaven av Careers 360 - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
भारत के शीर्ष 100 विश्वविद्यालय
हर रैंकिंग प्रक्रिया को सबसे पहले इस प्रश्न का जवाब देने में सक्षम होना चाहिए: आखिर विश्वविद्यालय अच्छा बनता कैसे हैं ?
सुधार और उसकी वास्तविकता
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का बिहार में कम संसाधन वाले, कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे भारी बोझ तले दबे एक कॉलेज के लिए क्या आशय है? कॅरियर्स360 ने यह जानने के लिए बेगूसराय की यात्रा की।
सामाजिक उपेक्षा से मुक्ति
इंडिया विजन फाउंडेशन और मिशनरी स्कूलों की मदद से जेल में सजा काट रहे कैदियों के बच्चों ने अपने लिए सुनहरे भविष्य का निर्माण किया है।
पीपीपी से असहमति
नीति आयोग ने निजी अस्पतालों के साथ जिला अस्पतालों को जोड़ने वाले एक मॉडल एग्रीमेंट का ड्राफ्ट तैयार किया है । स्वास्थ्य और शिक्षा कार्यकर्ताओं को लगता है कि यदि इसे लागू किया जाता है तो यह मुसीबत को बढ़ावा देगा ।
निजी स्कूलों में बढ़ती फीस के खिलाफ संघर्ष
कई राज्य सरकारों ने निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के उद्देश्य से कानून बनाए या संशोधित किए हैं। क्या वे कारगर हो रहे हैं?
दिल्ली का प्रयोग
शिक्षा पर जितना जोर दिल्ली की आप सरकार ने दिया है उतना जोर किसी अन्य राज्य ने पिछले कई वर्षों में नहीं दिया । आखिर उनकी एनजीओ और सलाहकार-संचालित सुधार परियोजना कितनी कारगर रही?
एलसैट से कौशल का मूल्यांकन
एलसैट को कानूनी शिक्षा के लिए अंडरग्रैजुएट और पोस्टग्रैजुएट प्रवेश परीक्षा दोनों के लिए अनुकूल कठिनाई स्तर के साथ तैयार किया गया है।
ऑनलाइन असमानता
भाषागत बाधा से जूझने और गलत सूचनाओं का शिकार होने वाले गरीब परिवारों के बच्चे इंटरनेट के मामले में भी पिछड़े हुए हैं।
आम आदमी और सरकारी विश्वविद्यालय
शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने के कारण मची उथल-पुथल वाली स्थिति की नींव कई वर्षों पूर्व ही पड़ गई थी।
हिंदू धर्म के अतीत का पुनरावलोकन
मनु वी. देवदेवन कवि, इतिहासकार और राजनीतिक विचारक हैं । यद्यपि उनकी प्रकाशित रचनाएं कन्नड़ और अंग्रेजी में हैं, फिर भी वे तमिल, तेलुगु , संस्कृत, ओडिया और अपनी मातृभाषा, मलयालम में समान रूप से सहज हैं ।