Denne historien er fra August 2020-utgaven av DASTAKTIMES.
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परिश्रम से ही कामनाओं की प्राप्ति होगी
ऋग्वेद में प्रत्यक्ष सांसारिक कर्तव्य पालन पर ढेर सारे मंत्र हैं। कृषि कर्म समृद्धिसूचक है। पशुपालन सहज व्यवसाय है। पूर्वजों को गायें प्रिय हैं। पूर्वज उनकी सेवा करते हैं। उन पर हिंसा को अपराध बताते हैं। ऋषि का अनुरोध है 'हे मित्रों! गायों, पशुओं के पानी पीने के बहुत स्थान बनाओ।' आर्य अश्व प्रिय भी हैं। घोड़े पालते हैं।
छठी मइया आईं न दुअरिया
छठ पर्व की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह पूरे चार दिन तक जोश-खरोश के साथ निरंतर चलता है। पर्व के प्रारम्भिक चरण में प्रथम दिन व्रती स्नान करके सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं, जिसे 'नहाय खाय' कहा जाता है। वस्तुतः यह व्रत की तैयारी के लिए शरीर और मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया होती है। मान्यता है कि स्वच्छता का ख्याल न रखने से छठी मइया रुष्ट हो जाती हैं- प्रथम दिन सुबह सूर्य को जल देने के बाद ही कुछ खाया जाता है।
ब्रिक्स विकासशील देशों का मंच या एंटी वेस्टर्न ब्लॉक
भारत इस ब्लॉक में सबसे सकारात्मक रवैए को लेकर चलता है लेकिन रूस और चीन के अपने हित, चिंताएं और उसके अनुरूप डिप्लोमेसी है। ब्रिक्स के वर्तमान सदस्य देशों और अन्य नए बनने वाले सदस्यों में से कई ऐसे हैं जो अमेरिका के नेतृत्व वाले वेस्टर्न ब्लॉक, नाटो, यूरोपीय संघ की सामरिक आर्थिक नीतियों से नकारात्मक रूप से प्रभावित होते हैं। रूस और ईरान इसके विशेष उदाहरण हैं।
कोल्हान और संथाल तय करेगा झारखंड का सियासी भविष्य
कोल्हान क्षेत्र की जनता इस बार कई बड़ी हस्तियों का सियासी भविष्य भी तय करेगी। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इसके सबसे बड़े नजीर होंगे। पूर्णिमा दास साहू की जमशेदपुर पूर्वी सीट से जीत-हार सीधे उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की राजनीति पर असर पड़ेगा। वहीं पोटका से पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा की लड़ाई दोनों की जमीनी पकड़ परखेगी। सबसे दिलचस्प नजारा जमशेदपुर पश्चिम में दिखेगा यहां सरयू राय और मंत्री बना गुप्ता मैदान में हैं।
क्या हरियाणा कांग्रेस विद्रोह के कगार पर खड़ी है!
कांग्रेस हाई कमान के दोबारा हुड्डा को गद्दीनशीन करने के कदम से गैर जाट वर्ग और आक्रोशित हो गया तथा 2014 के विधानसभा चुनावों में, जो पुनः हुड्डा के ही नेतृत्व में लड़े गए थे, कांग्रेस को 15 सीटों तक समेट कर रख दिया। हाईकमान को अपनी गलती का आभास होने लगा तथा हाईकमान ने भजन लाल के राजनीतिक वारिस कुलदीप बिश्नोई को 2016 में दोबारा शामिल कर लिया ताकि नाराज गैर जाट वर्ग को अपने साथ जोड़ सके।
किसमें कितना दम
राज्य की चार विधानसभा सीटों तरारी, बेलागंज, इमामगंज और रामगढ़ में उपचुनाव होगा। इनमें से तीन सीट पर महागठबंधन का कब्जा रहा है। यहां से विधायकों के लोकसभा चुनाव में जीतकर सांसद बनने के चलते यह सीटें खाली हुई हैं। इस तरह देखा जाए तो सबसे अधिक दांव महागठबंन का लगा है। महागठबंधन की ओर से तीन सीटों रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज से राजद, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ रही है। एनडीए की ओर से दो पर भाजपा तो एक-एक पर जदयू और हम लड़ रहे हैं।
यूसीसी से सिर्फ एक कदम दूर उत्तराखंड सरकार
समान नागरिक संहिता के लिए प्रस्तावित नियमावली में संहिता के अंतर्गत व्यवस्था के उल्लंघन के प्रकरणों को अपराध घोषित करने की प्रक्रिया, विभागों एवं न्यायालयों को संदर्भित किए जाने वाले प्रकरणों से संबंधित नियम निर्धारित किए गए हैं। समान नागरिक संहिता के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने चार खंडों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। गत जुलाई माह में सभी चार खंड की रिपोर्ट आनलाइन जनता के लिए उपलब्ध कराई गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही समान नागरिक संहिता कानून तैयार किया गया है।
महिलाओं को आर्थिक-सामाजिक तौर पर सशक्त बनाने की पहल
पृथक उत्तराखण्ड राज्य के गठन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। आज भी पलायन प्रभावित कई पहाड़ी जिलों में तो महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। यही कारण है कि प्रदेश में आज भी महिलाओं को पहाड़ के लोक जीवन की धुरी कहा जाता है। अच्छी बात यह है उत्तराखण्ड राज्य के अब तक के 24 साल के सफर में महिलाएं अब हर ऊंचाई को छूती नजर आ रही हैं।
केदारनाथ उपचुनाव: आशा नौटियाल का पलड़ा भारी
लगातार दो उपचुनावों में अनुमान के मुताबिक परिणाम न आने पर भाजपा संगठन व सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सतर्क नजर आ रहे हैं। इस चुनाव में जीत-हार का फैसला आने के बाद कई क्षत्रपों पर सवाल उठने भी तय हैं। यह चुनाव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी बड़ी चुनौती माना जा रहा है। नामांकन के बाद केदारनाथ उपचुनाव को लेकर भाजपा में विशेष हलचल देखी जा रही है। कांग्रेस के आक्रामक रुख को देखते हुए भाजपा क्षत्रपों की रणनीति व अन्य सवालों का बाजार गर्म है। मंगलौर व बदरीनाथ उपचुनाव की हार के बाद केदारनाथ उपचुनाव की जीत-हार के कारकों को लेकर पार्टी के अंदर अभी से ही सियासत तेज हो गयी है। एक अहम सवाल यह भी उठ रहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट अपनी मूल विधानसभा बदरीनाथ की हार का 'दाग' केदारनाथ में धो पाएंगे? राज्यसभा सांसद बनने के बाद उत्तराखण्ड भाजपा को अब नया अध्यक्ष भी चुनना है।
प्रवासियों के अनुभवों से विकास की उड़ान भरेगा उत्तराखंड
उत्तराखंड विकसित प्रदेश बनने की अपनी यात्रा में प्रवासी उत्तराखंडियों की सहभागिता सुनिश्चित कर रहा है। इसी क्रम में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन की सरकार की पहल ने मूर्त रूप लिया। दून विश्वविद्यालय के सभागार में सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासियों का आह्वान किया कि वर्ष में एक बार अपने गांव और पैतृक घर अवश्य आएं। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार क्षेत्र के विकास में योगदान दें।