पराली प्रदूषण से लोगों की जान को खतरा
Modern Kheti - Hindi|15th January 2023
भारत में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जिसके लिए अनेक कारण जिम्मेवार हैं। इनमें से एक कारण पराली भी है। पता चला है कि देश में फसलों के बचे अवशेषों को जलाने से न केवल वायु गुणवत्ता खराब हो रही है, साथ थी इसकी कीमत इंसानी जीवन के रुप में भी चुकानी पड़ रही है।
पराली प्रदूषण से लोगों की जान को खतरा

इस बारे अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (एमआईटी) के शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है। कि देश में पराली और फसल अवशेषों को जलाने के कारण होते वायु प्रदूषण के चलते हर साल औसतन 44,000 से 98,000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। 

यदि आंकड़ों पर गौर करें तो देश में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के 67 से 90 प्रतिशत हिस्से के लिए केवल तीन राज्य पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जिम्मेवार हैं। भारत में सालाना करीब 50 करोड़ मीट्रिक टन फसल अवशेष बच जाता है, जिनमें से 10 मीट्रिक टन को खुले में जला दिया जाता है। बड़ी मात्रा में जलाई जा रही यह पराली और अन्य फसल अवशेष भारी मात्रा में प्रदूषण भी पैदा करता है।

इतना ही नहीं रिसर्च से यह भी पता चला है कि फसल अवशेष जलाने से भारत की वार्षिक वायु गुणवत्ता पर जो प्रभाव पड़ रहा है, उसके 40 प्रतिशत के लिए पंजाब के छह जिले बरनाला, संगरूर, पटियाला, मोगा, लुधियाना और फतेहगढ़ साहिब जिम्मेवार हैं।

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