गेहूँ हरियाणा एवं पंजाब की मुख्य फसल एवं खाद्य मुख्य आहार है। पंजाब में खेती अधीन कुल क्षेत्रफल 41.3 लाख हैक्टेयर है जिस में सर्दियों में गेहूँ लगभग 35 लाख हैक्टेयर एवं सरसों लगभग 50 हजार हैक्टेयर में बोई जाती है। गेहूँ की फसल पर बहुत खर्च नहीं आता, परन्तु फिर भी भय एवं पूर्ण ज्ञान न होने के कारण किसान काफी खर्च कर रहे हैं।
किसान भाई आमतौर पर यह सोचते हैं कि कीट फसलों का नुक्सान करते हैं और इनको मार कर ही फसल को बचाया जा सकता है। यद्यपि पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना, कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं कृषि व संबंधित विभागों की ओर से किसानों को जानकारी दी जाती है कि कीटनाशकों का स्प्रे खेतों का सर्वेक्षण करने के बाद जरूरत पड़ने पर ही करना चाहिए परन्तु अक्सर किसान भय के कारण स्प्रे कर देते हैं। बाकी रहा पैस्टीसाईड कंपनियों की ओर से किये प्रचार पूरी हो जाती है। किसान भी इन जहरों से छुटकारा पाना चाहते हैं और पंजाब के माथे पर लगी इस तोहमत से परेशान हैं कि पंजाब भारत का 2 प्रतिशत हिस्सा होने के बावजूद 18 प्रतिशत रसायन का इस्तेमाल कर रहा है। इस दृश्य के मुख्य कारण हैं :
- किसानों की कीटों के बारे में जानकारी की कमी
- कीटों और पौधों का आपसी संबंध
- खेतों में सही समय कीटों या नुक्सान का सर्वेक्षण करने की विधि 'बहुआयामी कीट प्रबंधन" की मुकम्मल जानकारी न होना
- सर्वेक्षण के बाद एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण करने का ज्ञान न होना
- श्वविद्यालय एवं विभागों के अफसरों एवं विशेषज्ञों के साथ संबंध न होना और कंपनियों के एजेंटों एवं दुकानदारों पर निर्भरता
- किसान सेवाओं के लिए विभागों में अफसरों एवं मजदूरों की भारी कमी
इन कारणों के कारण किसान रासायनिक जहरों पर निर्भर होने के लिए। विवश हो जाता है और जरूरत के बगैर/अधिक खर्च कर बैठता है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। किसानों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति हैक्टेयर कम से कम 1000 रु. (प्रति एकड़ 400रु.) औसत खर्च करते हैं और इस हिसाब से हर सीजन में लगभग 355 करोड़ रु. बनता है। प्रति एकड़ का खर्च देखा जाये तो कोई बहुत अधिक नहीं लगता परन्तु यह खर्च कम से कम है और वास्तव में खर्च कितना हो रहा है और हर वर्ष हो रहा है इसका हिसाब न किसान लगाते हैं और न ही माहिर।
Denne historien er fra 15th January 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra 15th January 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
सब्जियों की जैविक खेती
सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।
किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।
उर्द व मूंग में एकीकृत रोग प्रबंधन
दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।
ढींगरी खुम्ब उत्पादन : एक लाभकारी व्यवसाय
खुम्बी एक पौष्टिक आहार है जिसमें प्रोटीन, खनिज लवण तथा विटामिन जैसे पोषक पदार्थ पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। खुम्बी में वसा की मात्रा कम होने के कारण यह हृदय रोगियों तथा कार्बोहाईड्रेट की कम मात्रा होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए अच्छा आहार है। खुम्बी एक प्रकार की फफूंद होती है। इसमें क्लोरोफिल नहीं होता और इसको सीधी धूप की भी जरूरत नहीं होती बल्कि इसे बारिश और धूप से बचाकर किसी मकान या झोंपड़ी की छत के नीचे उगाया जाता है जिसमें हवा का उचित आगमन हो।
वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से प्रयोग करना एवं भविष्य में वित्तीय सुरक्षा को यकीनन बनाने के लिए, प्रत्येक के लिए वित्तीय साक्षरता आवश्यक है। यह यकीनन बनाने के लिए कि आपका वित्त आपके विरुद्ध काम करने की बजाये आपके लिए काम करती है, ज्ञान एवं कुशलता की एक टूलकिट्ट की जरूरत होती है।
मेथी की उन्नत खेती एवं उत्पादन तकनीक
मेथी (Fenugreek) की खेती पूरे भारत में की जाती है। इसका सब्जी में केवल पत्तियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बीजों का प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
जैविक खादों का प्रयोग बढ़ायें
भूमि से अधिक पैदावार लेने के लिए उपजाऊ शक्ति को बनाये रखना बहुत जरूरी है। वर्ष 2025 में 30 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन के लिए लगभग 45 मिलियन टन उर्वरकों की जरूरत होगी, लेकिन एक अन्दाज के अनुसार वर्ष 2025 में 35 मिलियन टन उर्वरकों का प्रयोग किया जायेगा।
गेंदे की वैज्ञानिक खेती से लाभ
गेंदा बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला एवं भू-दृश्य के लिए उगाया जाता है।
विनाशकारी खरपतवार गाजरघास की रोकथाम
अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं वो खरपतवार होते हैं। खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवत्ता पर विपरीत असर डालते हैं।
खेती में बुलंदियों की ओर बढ़ने वाला युवक किसान - नितिन सिंह
उत्तर प्रदेश का एग्रीकल्चर सैक्टर काफी तेजी से ग्रो कर रहा है। इस सैक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है कि देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसी क्रम में हम आपको यूपी के सीतापुर के रहने वाले एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं, जो लाखों युवा किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।