उत्तर-पश्चिमी भारत के मुख्य गेहूं उत्पादक राज्यों में पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल है। पंजाब व हरियाणा की औसत उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से लगभग 30-40 प्रतिशत अधिक है, लेकिन हासिल की और संभावित उपज के बीच बड़ा अंतर है। क्षमता और हासिल की गई पैदावार के बीच की खाई को पाटकर गेहूं उत्पादकता में और वृद्धि की जा सकती है। गेहूं की उपज में कमी के घटकों में से खरपतवार एक प्रमुख कारण हैं जो उपज को 15-50 प्रतिशत तक घटा देते हैं।
गेहूं के साथ कई खरपतवार प्रतिस्पर्धा करते हैं। प्रमुख घास जाति के खरपतवारों में कनकी/गुल्ली डंडा/बलूरी, जंगली/काली जई, लोम्बड घास, पोआ और लालू घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों में बाधू, खर बाथू, जंगली पालक, मालवा, पीतपापड़ा, मैणा, सेंजी/ मेथा, गजरी, मटरी, कृष्ण-नील, चटरी, कंडाई/रासा, जंगली धनिया, प्याजी, चिन्कली, जंगली सरसों आदि खरपतवार शामिल हैं।
निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को नष्ट करने का तरीका सदियों पुराना है व आज भी कारगर है। निराई-गुड़ाई से न केवल खरपतवारों का नियंत्रण होता है बल्कि पौधों की जड़ों को हवा भी मिलती है व खेत में नमी का संरक्षण होता है जो अधिक पैदावार में सहायक है। लेकिन निराई-गुड़ाई हर जगह सम्भव नहीं है, ऐसी अवस्था में खरपतवारनाशियों का प्रयोग कर खरपतवारों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। खरपतवारनाशियों की उचित मात्रा, समय पर है उपचार/छिड़काव, उचित 'नौजल', छिड़काव के लिए पानी की मात्रा व विधि अपनाकर खरपतवारों को आसानी से नष्ट किया जा सकता है। खरपतवार नियंत्रण के लिए खरपतवारनाशी छिड़कने हेतु हमेशा फ्लैट- फैन नोजल या फ्लड-जेट नोजल का इस्तेमाल करें।
Denne historien er fra 15th January 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra 15th January 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।