जान-पहचान : डिजिटल मार्केटिंग अलग-अलग मार्केटिंग प्रयत्नों को दर्शाती है जो इलैक्ट्रॉनिक डिवाईसों या इंटरनेट का प्रयोग करते हैं। कारोबार मौजूदा एवं संभावी ग्राहकों दोनों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया, खोज इंजन, ईमेल एवं उनकी वैबसाइटों जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों का प्रयोग करते हैं। इस किस्म की मार्केटिंग को अक्सर 'आनलाइन मार्केटिंग, ' वैब मार्केटिंग या 'इंटरनेट मार्केटिंग' कहा जाता है। डिजिटल मार्केटिंग में उन ग्राहकों के साथ जुड़ने के लिए कई डिजिटल रणनीतियों एवं चैनलों का प्रयोग शामिल होता है, जो अपने समय की एक महत्वपूर्ण राशि ऑनलाइन खर्च करते हैं। डिजिटल मार्केटिंग में इस्तेमाल की जाने वाली युक्तियों में ऑनलाइन विज्ञापन, ईमेल मार्केटिंग, ऑनलाइन ब्रोशर, वैबसाईट डिजाइन एवं और बहुत कुछ शामिल है, जो सामुहिक तौर पर डिजिटल मार्केटिंग में आते हैं।
“डिजिटल मार्केटिंग मुख्य तौर पर इंटरनेट एवं डिजिटल प्रौद्योगिकियों के प्रयोग द्वारा उत्पादों या सेवाओं को प्रोत्साहित करने के अभ्यास को दर्शाती है, परन्तु इसमें मोबाइल फोन एवं डिस्पले विज्ञापन जैसे और डिजिटल माध्यम भी शामिल हैं।"
जैसे कि प्रौद्यौगिकी आगे बढ़ रही है, खोज इंजन ओपटीमाईजेशन (SEO), खोज इंजन मार्केटिंग (SEM), मार्केटिंग सामग्री प्रभाविक मार्केटिंग, आटोमेशन सामग्री, मुहिम मार्केटिंग, डेटा - संचालित मार्केटिंग, ई-कामर्स मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग समेत डिजिटल मार्केटिंग तकनीकें, सोशल मीडिया ओपटीमाईजेशन, ईमेल डायरेक्ट मार्केटिंग, डिस्पले विज्ञापन, ईकिताबें, आप्टिकल डिस्क एवं गेमें तेजी से प्रचलित हो रही हैं। डिजिटल मार्केटिंग अब न सिर्फ इंटरनेट आधारित चैनलों को शामिल करती है, बल्कि गैर इंटरनेट चैनलों को भी शामिल करती है जो डिजिटल मीडिया का प्रयोग करते हैं, जैसे कि मोबाइल फोन (SMS और MMS) कालबैक और ऑनहोल्ड मोबाइल रिंगटोन।
डिजिटल मार्केटिंग क्यों :
Denne historien er fra 1st June 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।