कपास में हाइब्रिड बीज का उत्पादन
Modern Kheti - Hindi|1st June 2023
भारत वर्ष में 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षेत्रफल हाइब्रिड कपास के अंतर्गत आता है। प्रतिवर्ष कपास के बीज की मांग बढ़ने से कई निजी कंपनियां अधिक लाभ के कारण कपास का अधिकतर हाइब्रिड बीज तैयार करती हैं।
सरफराज अहमद, सुनील गोचर, जितेन्द्र सुमन एवं पुखराज जानी
कपास में हाइब्रिड बीज का उत्पादन

निजी कंपनियों द्वारा उत्पादित हाइब्रिड बीज किसानों के लिए काफी महंगा होता है तथा समय पर उपलब्ध न होना भी एक समस्या है। इसके साथ कई कंपनियों द्वारा उत्पादित बीज भी विश्वसनीय नहीं होते जिससे किसानों को कई बार काफी नुकसान उठाना पड़ता है। उत्तम गुणवत्ता वाले किस्मों एवं हाइब्रिडस का बीज उत्पादन किसान अपने स्तर पर भी कर सकते हैं। किसान द्वारा अपने स्तर पर उत्पादित बीज अत्याधिक सस्ता एवं उच्च गुणवत्ता वाला होता है। किसानों द्वारा बीज उत्पादन करके बीज की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है जो अत्याधिक लाभप्रद एवं आमदनी का अच्छा श्रोत बन सकता है।

हाइब्रिड (संकर) कपास क्या है? : दो अलग-अलग किस्मों के पौधों के बीच संकरण के उत्पन्न सन्तति को संकर या हाइब्रिड कहते हैं। कपास में हाइब्रिड बीज उत्पादन करने के लिए निर्धारित नर एवं मादा जनक पौधों के फूलों के बीच क्रॉस (संकरण) कराया जाता है, जिससे दोनों जनकों के वांछित गुण हाइब्रिड में आ जाते हैं। इस कारण हाइब्रिड अधिक पैदावार, उच्च गुणयुक्त, कीड़ों व बीमारी के प्रति प्रतिरोधी एवं अनुपयुक्त वातावरण के प्रति भी अधिक सहनशील होते हैं। हाइब्रिड बीज प्रति वर्ष नया बनाना पड़ता है क्योंकि इनसे प्राप्त बीजों को लगातार बोने से अगली फसलों में उत्पादन एवं शुद्धता में कमी आती है अतः हर वर्ष कपास के हाइब्रिड बीजों की बहुत अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है।

Denne historien er fra 1st June 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.

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