बदलते भारतीय भोजन की तरफ: मीलेट्स की वापसी
Modern Kheti - Hindi|1st August 2023
मिलेट्स में पोषक तत्वों का अधिक मात्रा मौजूद होने के कारण इन्हें 'सुपर फूड' के रूप में जाना जाता है। इनमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी के अच्छे स्तर पाए जाते हैं। मिलेट्स का खाद्य संचार और पोषण में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
आदित्य, डॉ. नीरज एवं प्रो. (डॉ.) जे एन भाटिया
बदलते भारतीय भोजन की तरफ: मीलेट्स की वापसी

प्राचीन काल से ही खाद्य संसाधनों का महत्व भारतीय समाज के लिए उच्च रहा है। भारतीय लोगों के लिए खाद्य सामग्री न केवल रोटी और चावल ही है, बल्कि वे अन्य अनाज और अनाजों को भी अपने आहार में शामिल करते हैं। सिंधु सभ्यता के अवशेषों के अनुसार मिलेट्स सबसे पुराने भोजन है और संभवत पहले अनाज है जो कि मनुष्य द्वारा घरेलू उद्देश्य के लिए सबसे पहली बार प्रयोग किए गए। मोटे अनाज वाली फसलें जैसे ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, सामक, चिन्ना, कोदो, कुटकी और कुट्टू को मिलेट्स कहा जाता है। मिलेट्स में गेहूँ, चावल और जौ की तुलना में अधिक पोषक तत्वों का मिश्रण पाया जाता है। मिलेट्स को भारत में हजारों वर्षों से खाद्य स्रोत के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में बहुत लोकप्रिय हैं, खासकर दक्षिण भारत में। भारतीय लोगों के लिए मिलेट्स बहुत अधिक महत्व रखते हैं क्योंकि ये सस्ते, उपलब्धता में आसान और पौष्टिक होते हैं। मिलेट्स भारतीय रसोई घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इन्हें लोग स्वास्थ्य और पोषण के लिए उपयोग करते हैं। मिलेट्स भारत में विभिन्न क्षेत्रों में उगाए जाने वाली मुख्य फसलों में से एक हैं, भारत में इसका क्षेत्रफल, उत्पादन एवं उत्पादकता निम्न प्रकार से वर्णित है :

• क्षेत्रफल: भारत में मिलेट्स की खेती क्षेत्रफल के मामले में महत्वपूर्ण है। वर्ष 2020-2021 के अनुसार, मिलेट्स का कुल क्षेत्रफल लगभग 13.78 मिलियन हैक्टेयर था।

• उत्पादन: भारत में मिलेट्स का उत्पादन काफी महत्वपूर्ण है। यह देश के कृषि उत्पादन का एक प्रमुख अंश है। वर्ष 2020-2021 के अनुसार, मिलेट्स का कुल उत्पादन लगभग 28.55 मिलियन टन था जो कि एशिया में 85 प्रतिशत तथा वैश्विक स्तर पर 27 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

• उत्पादकता: मिलेट्स की उत्पादकता उच्च स्तर पर पहुंचाना भारतीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण है। उत्पादकता आंकड़ों के अनुसार, मिलेट्स की औसत उत्पादकता वर्ष 2020-2021 में प्रति हैक्टेयर 2.07 टन थी।

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