
फूलों, फलों और सब्जियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागणक (द्यद्यद्बठ्ठह्रह) हैं जो फसलों को बढ़ने में मदद करते हैं। मधुमक्खियां फसलों को लगभग 80-90 प्रतिशत परागित करती हैं। मधुमक्खियां स्वादिष्ट शहद, मोम, रॉयल जैली, प्रोपोलीस और अपने जहर (1द्गठ्ठद्व) के लिए पाली जाती हैं। मधुमक्खी लगभग 25 g/ह के गति से उड़ती हैं और प्रति सैकंड 200 बार अपने पंख फड़फड़ाते हैं।
मधुमक्खियां एक सामाजिक कीट होने के बाद भी इनके शत्रु इन्हें भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इसी तरह मधुमक्खियां भी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित होती हैं जिससे इन्हें पालने में काफी नुकसान होता है। ये रोग उनकी कॉलोनी को कमजोर कर देता है, जिसकी वजह से शहद का उत्पादन तथा परागण कम हो जाता है। अधिकांश बीमारियां लंबे समय तक अस्पष्ट रहती हैं, अगर उनका प्रबंधन न किया जाए तो मधुमक्खियों की कालोनियों पर गहरा असर पड़ता है।
अन्य जानवरों की तरह मधुमक्खियों में भी कई बीमारियां पाई जाती हैं। ये रोग बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, फंगस और वायरस के कारण होते हैं। ये बाहरी और आंतरिक परजीवी हैं। कुछ बीमारियों के लक्षण एक जैसे होते हैं इसलिए उनके निदान में दिक्कत आती है। ये रोग विभिन्न प्रकार के रोगजनकों के कारण होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
Denne historien er fra 1st June 2024-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।