प्रार्थना सभा से जैसे ही बच्चे कक्षा में आए उ चहचहाट से कक्षा गुंजायमान हो उठी. उसी समय क्लास टीचर अंजलि मैम क्लास में आईं. उन के साथ एक छोटीसी नीली आंखों वाली गोलमटोल सी लड़की भी क्लास में आई. सब को बैठने का इशारा करने के साथ ही मैम ने उस बच्ची को देखा.
"बच्चो, यह तुम्हारी नई सहपाठी है. इस का नाम आयशा है. आज ही इस ने तुम्हारी कक्षा में एडमिशन लिया है. मुझे पूरी उम्मीद है तुम लोग इस से दोस्ती करोगे और जो काम इस का छूट गया है उसे पूरा करने में इस की मदद करोगे."
“जी मैम,” बच्चे एकसाथ बोले.
टीचर के चेहरे पर मुसकान खिल उठी. आयशा के बैठते ही अंजलि मैम पढ़ाने लगीं. हमेशा की तरह अपनी बात समाप्त कर के उन्होंने पूछा, "क्या आप सब को यह समझ में आ गया?”
पूरी क्लास में सन्नाटा था. धीरे से एक हाथ ऊपर उठा. यह हाथ आयशा का था.
"हां, आयशा, आप को कुछ पूछना है?" अंजलि मैम ने प्यार से पूछा.
“जी मैम, मुझे थोड़ा सा समझ में आया है. यदि आप इसे एक बार और दोहरा दें तो..." खड़े हो कर आयशा बोली.
“शाबाश आयशा, समझ न आने पर हमेशा हाथ उठा कर पूछना चाहिए. मैं तुम से बहुत खुश हूं बैठो,” आयशा को बैठा कर मैम फिर से चैप्टर को समझाने लगी.
आयशा की यह आदत हर कक्षा में दिखाई देने लगी. क्लास के सारे बच्चे इस बात के लिए उस का खूब मजाक उड़ाते. इस से आयशा परेशान थी.
Denne historien er fra November First 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra November First 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.