![अहंकारी सूरज अहंकारी सूरज](https://cdn.magzter.com/1338812469/1675760919/articles/iS4ksbev61675858499197/1675858840249.jpg)
शाम का समय था, सूरज छिपने ही वाला था. आकाश में चांद भी दिखाई देने लगा था.
चांद ने सूरज को देख कर कहा, "नमस्ते सूरज, आप कैसे हैं? बहुत अच्छा लगा आप को देख कर. हम तो कम ही मिल पाते हैं, क्योंकि आप के छिपने के बाद मैं निकलता हूं और मेरे जाने के बाद सुबह आप आते हैं."
सूरज ने चांद की बात सुन कर बुरा सा मुंह बनाया और कोई उत्तर नहीं दिया.
"क्या बात है? आप कुछ नाराज लग रहे हैं. मुझ से क्यों बात नहीं कर रहे हो?" चांद ने पूछा.
"मैं केवल अपने बराबर वालों से बात करता हूं, तुम जैसे छोटे लोगों से बात करने में मैं अपना अपमान समझता हूं," सूरज अकड़ कर बोला.
"पर मुझ से मिलना तो सभी पसंद करते हैं. पिछले 60 सालों में धरती से न जाने कितने लोग अंतरिक्षयान में बैठ कर मुझ से मिलने आए बल्कि आप के पास आने में सभी डरते हैं, क्योंकि आप आग उगलते हो."
"तभी तो मैं तुम से कह रहा हूं, मुझ से बात मत करो वरना जल जाओगे," सूरज घमंड के साथ बोला.
"ऐसा मत कहिए रवि, मैं तो सभी को प्रेम का संदेश देता हूं. मेरी ओर देखने से सभी को ठंडक मिलती है, आंखों की रोशनी तेज होती है. धरती पर तो सभी बच्चों ने मुझे अपना मामा बना रखा है. वे मुझे प्यार से चंदा मामा कहते हैं. बहुत सी माताएं तो अपने बच्चों को मेरी कहानियां व लोरी सुना कर सुलाती हैं, जिस से वे खुश हो कर चैन से सोते हैं. इतना ही नहीं मुझे देख कर तो सभी धर्मों के लोग अपने त्योहार मनाते हैं."
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![चीनी की जीत चीनी की जीत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1989957/IfBnAhO101739265538230/1739265931072.jpg)
चीनी की जीत
चिनी चींटी ने कन्नू कनखजूरे को देख कर कहा, \"कन्नू, तुम क्या कर रहे हो?\"
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गोलगप्पों के स्वाद का रहस्य
\"ओह, पूरा एक सप्ताह और इस ठंडे मौसम में बिताना होगा,” प्रिया ने अपने दांत किटकिटाते हुए कहा और अपना स्वेटर कस कर अपने चारों ओर खींच लिया.
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रिपोर्टर डमरू
जब चंपकवन के निवासियों को पता चला कि प्रसिद्ध अभिनेता लकी कुमार गोरिल्ला उन के जंगल में अपनी नई फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं, तो दर्जनों लोग शूटिंग स्थल की ओर दौड़ पड़े.
![एल्सा पर दोष एल्सा पर दोष](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1989957/Yblr_j_0o1739260261466/1739260856516.jpg)
एल्सा पर दोष
जैसे ही कृति स्कूल से घर आई, उस के गोल्डन रिट्रीवर एल्सा ने उत्साह से भौंकना शुरू कर दिया. वह खुशी से गोलगोल घूम कर अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया और उस ने कृति के चेहरे को चाटने की कोशिश की.
![पर्सी की समस्या पर्सी की समस्या](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1989957/8NtxUHfrA1739261646576/1739262062491.jpg)
पर्सी की समस्या
13 फरवरी का दिन था और प्रेमवन में चहलपहल थी. वनवासी अपने एनुअल वैलेंटाइन डे मेले की तैयारी कर रहे थे, जो अगले दिन एमराल्ड तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजित होने वाला था. तालाब और उसके परिसर की अंतिम सफाई चल रही थी और स्टेला हेजहोग इस की प्रभारी थी.
![गुलाबी संकेत और धीरज गुलाबी संकेत और धीरज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1989957/wU99jqne41739260860486/1739261171910.jpg)
गुलाबी संकेत और धीरज
\"काश, मैं कुछ कर पाता,” इंस्पैक्टर मिश्रा ने औफिस से लौटने के बाद खाने की मेज पर बैठते हुए कहा.
![बा और बापू बा और बापू](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/sytLU69in1737698975777/1737700756734.jpg)
बा और बापू
मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.
![वादा गलत हो गया वादा गलत हो गया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/8oezMZZsi1737700758794/1737701153156.jpg)
वादा गलत हो गया
‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”
![तिरंगा पुरस्कार तिरंगा पुरस्कार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/LGpJnsRVB1737697918044/1737698174785.jpg)
तिरंगा पुरस्कार
जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”
![हमारा संविधान हमारा संविधान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/872/1971275/zYLJd5BSC1737701159189/1737701448309.jpg)
हमारा संविधान
26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.