मौली की साइकिल
Champak - Hindi|June Second 2023
बच्चों की कहानी
आशिमा कौशिक
मौली की साइकिल

गैबी जिराफ दूसरे जंगल में रहने जा रहा था. वह अपना सामान दोस्तों और पड़ोसियों को दे रहा था. उस ने अपनी साइकिल मौली बंदर को दे दी. 

यह अच्छी साइकिल थी, जिस में एक टोकरी, एक घंटी और एक यात्री के पीछे बैठने के लिए सीट थी.

मौली साइकिल पा कर खुश थी, लेकिन जब उस ने उस पर सवार होने की कोशिश की तो उस के पैर जमीन पर नहीं पहुंचे. यह उस के लिए बहुत ऊंची थी.

गैबी हंसी और उस ने उसे सिखाया कि कैसे सीट की ऊंचाई को एडजस्ट और सवारी की जाती है. इस तरह," उस ने विस्तार से समझाया.

मौली हर जगह साइकिल पर सवार हो कर जाती. उस ने खुशीखुशी अपनी मम्मी के छोटेछोटे काम किए जैसे दुकान पर जाना, ब्रेड और दूध लाना आदि.

दादीमां ने उसे अपनी चाय पार्टी के लिए जैम और बिसकुट लाने को कहा.

मौली को लगा कि वह बहुत खास बन गई है. उस ने कहा, "जरूर," और वह साइकिल पर सवार हो गई.

"क्या मुझे साइकिल सवारी करने को मिल सकती है?" कोको बिल्ली ने पूछा.

मौली ने खुशी से उसे अपनी टोकरी में बैठने दिया.

"क्या मैं भी सवारी कर सकती हूं? शीना भेड़ ने पूछा.

मौली ने उसे भी पिछली सीट पर बिठाया.

कोको ने ऐली हाथी को देख कर घंटी बजाई.

"ओह, क्या मुझे भी सवारी करने को मिल सकती है?" ऐली हाथी ने पूछा.

Denne historien er fra June Second 2023-utgaven av Champak - Hindi.

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