"डमरू, अब हम काफी थक गए हैं, अतः इस पेड़ के नीचे आराम करेंगे,” टोटो ने कहा.
“जी महाराज,” डमरू बोला और उस ने जल्दी से पेड़ की छांव में चटाई बिछा दी. अभी राजा टोटो को विश्राम करते हुए कुछ ही क्षण बीते होंगे कि उन की नाक पर एक मच्छर ने जोर से काट लिया.
“ये कौन गुस्ताखी कर रहा है?” राजा टोटो जो चिल्लाया.
“महाराज, यह एक मच्छर है. रुकिए, मैं अभी तलवार से इस का वध कर देता हूं,” डमरू ने पास ही रखी राजा टोटो की तलवार उठाई और चारों तरफ घुमा दी.
“खबरदार डमरू, मुझे नहीं लगता तलवार से तुम मच्छर को मार भी सकोगे या नहीं, लेकिन तुम हमें जरूर घायल कर दोग,” राजा टोटो गुस्से से चिल्लाया तो डमरू ने घबरा कर तलवार वापस रख दी.
"बदमाश मच्छर, तुम्हारा इतना साहस कि तुम ने हमें काटा? तुरंत हम से क्षमा मांगो मैं तुम्हें मार डालूंगा,” राजा ने मच्छर से कहा.
“हाहाहा, जब मनुष्य ही हमारा कुछ न बिगाड़ सका तो तुम हमारा क्या बिगाड़ोगे?” मच्छर हंसते हुए बोला.
“तुम्हारा क्या मतलब?,” राजा टोटो ने हैरान हो कर पूछा.
"हम ने मनुष्य में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी असंख्य बीमारियां फैलाई. लेकिन मनुष्य हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाता और खुद ही हम से डरता है, तुम मुझ से कह रहे हो कि मैं तुम से माफी मांगू, कभी नहीं,” मच्छर ने राजा टोटो का मजाक उड़ाते हुए कहा.
“लगता है, तुम्हें सबक सिखाना पड़ेगा,” राजा टोटो क्रोधित हो कर बोले और उस ने अपनी तलवार निकाली और मच्छर पर हमला कर दिया.
लेकिन मच्छर बहुत छोटा था इसलिए वह तलवार के वार से बच रहा था और जीभ निकाल कर राजा टोटो को चिढ़ा रहा था.
“राजा, तुम ने मुझे नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है, अब मेरी बारी है," मच्छर ने कहा और अपने पंख जोरजोर से हिला कर अजीब सी ध्वनि निकाली तो आसपास की झाड़ियों से ढेर सारे मच्छर बाहर निकलने लगे.
“महाराज, अगर आप को जान बचानी है तो भागिए यहां से,” डमरू घबरा कर चिल्लाया.
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