"बच्चे खुशी से झूम उठे और सभी शिक्षक भी से सहमत हो गए. हिंदी टीचर अशोक सर को रामलीला की तैयारी की जिम्मेदारी दी गई.
सोमवार को हिंदी टीचर ने सभी शिक्षकों और बच्चों को इकट्ठा होने को कहा और पूछा, "कौन किस का रोल करेगा?"
किसी ने कहा कि वह ताड़का बनना चाहता है, किसी ने बूढ़े विश्वामित्र का रोल करने की स्वीकृति दे दी.
किसी ने रावण के छोटे भाई कुंभकर्ण का तो किसी ने विभीषण का रोल करने को कहा. कुछ बच्चों और शिक्षकों ने अहिल्या, दशरथ, लक्ष्मण, भरत, जनक, सीता, हनुमान, परशुराम आदि बनने की स्वीकृति दे दी, लेकिन राम और रावण की भूमिका के लिए कोई आगे नहीं आया.
"बोलो बच्चो, राम कौन बनेगा?" अशोक सर ने पूछा.
सभी बच्चे चुप थे, क्योंकि उन्हें पता था कि रावण का रोल खुद अशोक सर ही निभाएंगे. वे रामलीला मंडली में भी रावण बना करते थे, इसलिए किसी शिक्षक ने रावण का रोल नहीं लिया था. अशोक सर बहुत सख्त थे, इसलिए बच्चे भी डर रहे थे कि अगर राम बन कर उन्होंने गुरुजी पर तीरों की वर्षा की तो क्लास में जम कर पिटाई होगी.
आखिरकार एक शरारती बच्चे अविराम ने राम बनने की हिम्मत दिखाई. उस का नाम लिख लिया गया.
शहर की रामलीला मंडली से चर्चा कर के पात्रों को संवाद बोलने और अभिनय कला सिखाने की व्यवस्था की गई.
वस्त्र, मुकुट, गते की तलवारें, धनुषबाण आदि भी मंगा लिए गए.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.