सर्दियों का मौसम यानी स्लेज रेस का आगमन. ग्रीनलैंडिक जनसमूह की एक पुरानी परंपरा जिस ने फिर से पूरे गांव को उत्साह और उमंग से एकजुट कर दिया.
दौड़ की तैयारी कई सप्ताह पहले शुरू हो गई थी. गांव में परिवारों के पास विभिन्न प्रजातियों के कुत्ते थे, जो स्लेज खींच सकते थे जिन में बाल्टो, टोगो, समोएड, चिनूक, साइबेरियन हस्की आदि शामिल थे. इन कुत्तों को स्लेज दौड़ के लिए प्रशिक्षित करना और स्लेज को सजाना उस गांव की आवश्यकता भी थी और परंपरा भी, क्योंकि यहां एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए दो ही रास्ते थे, हवाई मार्ग या स्लेज. चूंकि स्लेज एक आम किस्म की थी, इसलिए उसे सजाना एक परंपरा बन गई थी. गांव के बच्चे भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाते थे. इसलिए हर वर्ष एक दौड़ ऐसी भी रखी जाती थी, जिस में केवल बच्चे और उन के पालतू पशु ही भाग ले सकते थे.
इसी गांव में एक जिमी नाम का लड़का भी था. उस के परिवार के पास शानदार बाल्टो कुत्तों जैड और सैम की एक जोड़ी थी, जो अपनी ताकत और चपलता के लिए पूरे गांव में जानी जाती थी.
गहरे भूरे रंग के फर, पंजों के पास का हिस्सा सफेद, स्वस्थ और बलिष्ठ शरीर वाले, कुल मिला कर जैड और सैम की जोड़ी शानदार थी. जिमी को अपने कुत्तों से विशेष प्रेम था, क्योंकि वे उस के साथसाथ बड़े हुए थे. जिमी ने मन बना लिया था कि इस वर्ष वह और उस के कुत्ते स्लेज रेस में भाग लेंगे और इस रेस को जीतेंगे. जिंमी ने काफी समय से इस की तैयारी शुरू कर दी थी. वह अपने पिता के साथ मिल कर जैड और सैम के खानेपीने का पूरा ध्यान रखता था. वह उन्हें पौष्टिक आहार देता था ताकि वे स्वस्थ और ताकतवर रहें. वह अपना काफी वक्त जैड और सैम के साथ गुजारता था ताकि वे उस के साथ अच्छी तरह घुलमिल जाएं और वक्त आने पर उस के दिए हुए निर्देशों को समझ सकें.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
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चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
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अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.