बैकी ने उन की तरफ हाथ हिलाया, वह फैसला नहीं कर सकी थी. उसे अभी काफी अभ्यास करना था और प्रवास के दौरान तैराकी में उस की काफी ऊर्जा, ध्यान और समय लगना था.
उस के चचेरे भाई पोंटी व्हेल ने हंस कर कहा, "हम सभी हंपबैक व्हेल हैं. हम हमेशा गर्मियों में एक फली के रूप में एकसाथ मिल कर कुरकुरे क्रिल के लिए जाते हैं, जो दक्षिण में गहरे समुद्र के अंदर अंटार्कटिका के पानी में होते हैं."
अकेले न रहने की चाहत और कुरकुरे क्रिल के बारे में सोचते हुए अंटार्कटिका की लंबी प्रवास यात्रा पर जाने के लिए बैकी ने अपने बड़े वाले बैकपैक में गाने की सारी किताबें ढूंस लीं. पोंटी ने हंसते हुए कहा, "चलो, समुद्र की सतह पर दौड़ो."
बैकी और पोंटी पानी की फुहार फेंकने के लिए समुद्र की सतह पर दौड़े. कुछ देर तक वे एकदूसरे पर खेलते हुए पानी की फुहारें फेंकते रहे. उस के बाद वे लंबे तैराकी प्रवास के लिए अपने परिवार के समूह में शामिल होने के लिए भागे.
वे कई दिन तक तैरते और चुटकुले सुनाते रहे तथा चंचलता के साथ दौड़ते रहे, जब वे ब्रेक लेते तो सतह पर फुहारे फेंकते. अब दिन हफ्तों में बदल गए थे. लंबी यात्रा के बाद हंपबैक व्हेलों का समूह अंटार्कटिका महासागर के दक्षिणी गरम पानी वाले भाग में पहुंच गया.
वहां काफी सारा खाना था. उन्होंने क्रिल को जल्दी समाप्त करने के लिए प्रतियोगिता की कई अन्य हंपबैक व्हेल के परिवार विश्व के महासागरों के विभिन्न हिस्सों में पलायन कर गए थे, जबकि परिवार के बाकी सदस्य अन्य व्हेलों से मिलनेजुलने लगे थे. हम ने दक्षिणी जल का स्वतंत्र रूप से पता लगाने का फैसला किया.
वह चुपचाप बह गई और पूर्व में काफी दूर तक तैरती चली गई. वह जानती थी कि सूरज पूर्व दिशा में ही उगता है.
इस से पहले कि वह कुछ समझ पाती, वह एक बड़ी लहर में फंस गई और प्रवाल भित्तियों के बीच भटक गई. उसे एक खुला मुंह जैसा स्थान दिखा और वह उस के अंदर चली गई.
"क्या मैं एक गुफा के अंदर हूं?" बैकी हैरान थी.
जैसे ही बैकी आगे बढ़ी, उसे एक विशाल हौल दिखाई दिया जो एक विशाल मूंगा टोपी की तरह था. दीवारों के किनारे पर मूंगे के गोलगोल स्टूल बैठ के लिए लगे हुए थे.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.