मुकुल चला पहलवान बनने
Champak - Hindi|February Second 2024
"मुकुल, जल्दी नाश्ता कर लो. मैं ने आमलेट बना कर डाइनिंग टेबल पर रख दिया है," मम्मी ने किचन से आवाज लगाई...
इंद्रजीत कौशिक
मुकुल चला पहलवान बनने

"मुझे भूख नहीं है, आप ही खा लेना," 10 वर्षीय मुकुल केवल टोस्ट खा कर स्कूल के लिए निकल गया.

"पता नहीं, इस लड़के को कैसे समझाऊं. इसे कभी भूख ही नहीं लगती," मुकुल की मम्मी ने टेबल पर ने रखी आमलेट की प्लेट उठाते हुए कहा.

मुकुल के साथ यही दिक्कत थी. दूसरे लड़कों की तरह वह एक्टिव नहीं था. खेलकूद में भी उस की खास रुचि नहीं थी. इस कारण न तो उसे अच्छी भूख लगती थी और न ही उस की सेहत बन पाती थी.

इंटरवल हुआ तो सारे छात्र मैदान में आ गए.

"अरे मच्छर, परे हट," रोहन ने मुकुल को धक्का दिया तो वह जमीन पर गिर गया.

यह देख कर वहां खड़े लड़के जोरजोर से हंसने लगे. दुबलापतला मुकुल रोनी सूरत बना कर वहां से चुपचाप चला गया.

"तुम ने रोहन को कुछ कहा क्यों नहीं? क्या तुम उस से डरते हो?" मुकुल के दोस्त रवि ने पूछा.

"यदि मैं उस से कुछ कहता तो हो सकता है, वह मुझे मुक्का मार देता. तुम ने देखा नहीं, वह कितना ताकतवर है."

"तो तुम भी अपनी सेहत पर ध्यान दो. नहीं तो आज रोहन ने तुम्हें धक्का दिया, कल कोई दूसरा ऐसा कर सकता है," रवि बोला.

जब स्कूल की छुट्टी के बाद मुकुल घर गया तो वह रवि की बातों में व्यस्त था. घर लौटते हुए रास्ते में उस ने एक घर देखा, जिस पर नेमप्लेट लगी हुई थी, "नत्थू पहलवान."

"यदि मैं नत्थू पहलवान की तरह ताकतवर बन जाऊं तो कोई मुझे परेशान नहीं कर पाएगा," नेमप्लेट देख कर मुकुल ने मन ही मन सोचा और दरवाजा खुला देख कर भीतर घुस गया.

नत्थू पहलवान अपने घर की खाली जमीन पर दौड़ लगा रहा था. उस के शरीर से पसीना निकल रहा था, पर फिर भी वह दौड़े जा रहा था.

"मुझे एक आइडिया मिल गया. पहलवान की मजबूती का राज यही होगा," यह सोच कर मुकुल उस के घर से बाहर आ गया और पार्क में दौड़ने के लिए चला गया.

कुछ ही कदम दौड़ने के बाद उस की सांस फूल गई और वह जमीन पर ही बैठ गया. मुकुल ने दौड़ लगाने का इरादा छोड़ दिया और घर लौट आया.

अगले दिन स्कूल में अपने दोस्त रवि के साथ खेलते समय रोहन आया और उस ने मुकुल की गेंद मैदान से बाहर फेंक दी.

"तुम ने मेरी गेंद बाहर क्यों फेंकी?" मुकुल ने डरते हुए पूछा तो रोहन ने अपना बैट उठाया और चलते बना. उस की इस हरकत पर मुकुल मन मसोस कर रह गया.

Denne historien er fra February Second 2024-utgaven av Champak - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra February Second 2024-utgaven av Champak - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA CHAMPAK - HINDISe alt
नौर्थ पोल की सैर
Champak - Hindi

नौर्थ पोल की सैर

\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...

time-read
7 mins  |
December Second 2024
जलेबी उत्सव
Champak - Hindi

जलेबी उत्सव

चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...

time-read
5 mins  |
December Second 2024
मिशन सांता क्लौज
Champak - Hindi

मिशन सांता क्लौज

यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...

time-read
5 mins  |
December Second 2024
अनोखा क्रिसमस
Champak - Hindi

अनोखा क्रिसमस

\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...

time-read
5 mins  |
December Second 2024
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
Champak - Hindi

उड़ने वाली बेपहिया गाडी

दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...

time-read
5 mins  |
December Second 2024
औपरेशन चौकलेट कुकीज
Champak - Hindi

औपरेशन चौकलेट कुकीज

\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...

time-read
6 mins  |
December Second 2024
रिटर्न गिफ्ट
Champak - Hindi

रिटर्न गिफ्ट

\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.

time-read
4 mins  |
December First 2024
चांद पर जाना
Champak - Hindi

चांद पर जाना

होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.

time-read
4 mins  |
December First 2024
चाय और छिपकली
Champak - Hindi

चाय और छिपकली

पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.

time-read
5 mins  |
December First 2024
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
Champak - Hindi

शेरा ने बुरी आदत छोड़ी

दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"

time-read
4 mins  |
December First 2024