कुएं में भूत
Champak - Hindi|July First 2024
सरन गर्मियों में बीमार पड़ गया था और उस का वजन बढ़ने लगा था. वह दुबलेपतले बच्चे से मोटा हो गया था. सभी उसे 'मोटूराम' कह कर बुलाते थे.
ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'
कुएं में भूत

डाक्टर ने कहा था कि यदि वह रोज धीरेधीरे घूमता रहेगा तो उस का वजन बढ़ना रुक जाएगा. तभी से सरन को घूमने का शौक चढ़ा हुआ था.

"हाय, मोटूराम, थोड़ा तेज चलो,” हरीश ने सरन को आवाज दी, जो जंगल के रास्ते उस के पीछे चल रहा था.

“मैं धीरेधीरे आ रहा हूं, आप लोग पिकनिक वाली जगह पहुंच कर दरीचादर बिछाओ. तब तक मैं भी पहुंच जाऊंगा,” सरन ने धीरेधीरे आते हुए जवाब दिया.

छुट्टियों के बाद स्कूल वापस आ कर छात्रों ने जंगल में पिकनिक मनाने की योजना बनाई थी. सभी नाश्ता और भोजन ले कर आए जिसे उन्होंने आपस में बांटने का फैसला किया.

कुछ छात्र आगे निकले और उन्होंने पिकनिक स्थल पर चटाई बिछा दी. कुछ छात्र चटाई पर आराम कर रहे थे जबकि कुछ गा रहे थे, नाच रहे थे तो कुछ जंगल में घूम रहे थे. उन में से कई छात्रों ने पहली बार जंगल का दौरा किया था. जंगल में कई किस्म के पेड़ थे, जिन पर कई पक्षी चहचहा रहे थे.

"मैं थोड़ा अंदर जाऊंगा और जंगल का पता लगाऊंगा,” दक्ष ने जंगल में पेड़ों को देखते हुए कहा.

कुणाल ने उसे चेतावनी दी, “सावधान रहो दक्ष, उस दिशा में एक भुतहा कुआं है."

दक्ष घबरा गया.

"तुम ने क्या कहा? भुतहा कुआं? तुम्हें कैसे मालूम कि वहां भुतहा कुआं है?"

कुणाल ने कहा, "वह कुआं प्राचीनकाल का है और कहा जाता है कि उस में भूत रहता है. जब हम जंगल में प्रवेश कर रहे थे तो गार्ड ने मुझे बताया था."

"ठीक है, मैं सावधान रहूंगा," दक्ष यह कह कर जंगल की तरफ चल दिया.

इधर कुछ छात्र बोर हो रहे थे.

"अरे, चलो, अंत्याक्षरी खेलते हैं,” रोहित ने सुझाव दिया और सभी एक घेरे में बैठ गए.

रोहित ने एक गाने की लाइन गानी शुरू की. मिहिर ने आगे गाया. रोहित द्वारा गाए गए आखिरी अक्षर वाली लाइन के साथ एक गाना गाया और इस तरह सभी छात्र गानों की लाइनें गा कर अंत्याक्षरी खेलने लगे. हर कोई एंजौय कर रहा था.

कुछ छात्र गाते गाते नाचने भी लगे. यह देख कर कुछ छात्र जोरजोर से हंसने लगे. छात्र खेल में शामिल होते रहे और इच्छानुसार नाश्ते के लिए जाते रहे.

तभी दक्ष भागता हुआ पिकनिक स्थल पर आया. उस के चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी. वह नजदीक आते ही चिल्लाया, "दोस्तो, भूत," वह हकला कर बड़ी मुश्किल से इतना बोल पाया था.

Denne historien er fra July First 2024-utgaven av Champak - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

Denne historien er fra July First 2024-utgaven av Champak - Hindi.

Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.

FLERE HISTORIER FRA CHAMPAK - HINDISe alt
चीनी की जीत
Champak - Hindi

चीनी की जीत

चिनी चींटी ने कन्नू कनखजूरे को देख कर कहा, \"कन्नू, तुम क्या कर रहे हो?\"

time-read
4 mins  |
February First 2025
गोलगप्पों के स्वाद का रहस्य
Champak - Hindi

गोलगप्पों के स्वाद का रहस्य

\"ओह, पूरा एक सप्ताह और इस ठंडे मौसम में बिताना होगा,” प्रिया ने अपने दांत किटकिटाते हुए कहा और अपना स्वेटर कस कर अपने चारों ओर खींच लिया.

time-read
6 mins  |
February First 2025
रिपोर्टर डमरू
Champak - Hindi

रिपोर्टर डमरू

जब चंपकवन के निवासियों को पता चला कि प्रसिद्ध अभिनेता लकी कुमार गोरिल्ला उन के जंगल में अपनी नई फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं, तो दर्जनों लोग शूटिंग स्थल की ओर दौड़ पड़े.

time-read
6 mins  |
February First 2025
एल्सा पर दोष
Champak - Hindi

एल्सा पर दोष

जैसे ही कृति स्कूल से घर आई, उस के गोल्डन रिट्रीवर एल्सा ने उत्साह से भौंकना शुरू कर दिया. वह खुशी से गोलगोल घूम कर अपने पिछले पैरों पर खड़ा हो गया और उस ने कृति के चेहरे को चाटने की कोशिश की.

time-read
6 mins  |
February First 2025
पर्सी की समस्या
Champak - Hindi

पर्सी की समस्या

13 फरवरी का दिन था और प्रेमवन में चहलपहल थी. वनवासी अपने एनुअल वैलेंटाइन डे मेले की तैयारी कर रहे थे, जो अगले दिन एमराल्ड तालाब के आसपास के क्षेत्र में आयोजित होने वाला था. तालाब और उसके परिसर की अंतिम सफाई चल रही थी और स्टेला हेजहोग इस की प्रभारी थी.

time-read
6 mins  |
February First 2025
गुलाबी संकेत और धीरज
Champak - Hindi

गुलाबी संकेत और धीरज

\"काश, मैं कुछ कर पाता,” इंस्पैक्टर मिश्रा ने औफिस से लौटने के बाद खाने की मेज पर बैठते हुए कहा.

time-read
5 mins  |
February First 2025
बा और बापू
Champak - Hindi

बा और बापू

मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग 'महात्मा' और कुछ प्यार से 'बापू' कहते थे, मेरे परदादा एक असाधारण व्यक्ति थे.

time-read
4 mins  |
January Second 2025
वादा गलत हो गया
Champak - Hindi

वादा गलत हो गया

‘मैं थक गई हूं, मैं पढ़ना नहीं चाहती,’ सुनैना ने बड़बड़ाते हुए कहा. उस की मां अंजना परेशान दिखीं, लेकिन उन्होंने शांत स्वर में कहा, “अभी तो सिर्फ तीन परीक्षाएं बाकी हैं. हम तुम्हारी परीक्षाओं के बाद सप्ताहांत में तुम्हारी पसंद की जगह छुट्टियां मनाने चलेंगे, मैं वादा करती हूं.”

time-read
6 mins  |
January Second 2025
तिरंगा पुरस्कार
Champak - Hindi

तिरंगा पुरस्कार

जैसे ही वैली तितली ने टोटो चींटी को अपनी नई साइकिल पर तिरंगा झंडा लहराते हुए देखा, वह उड़ कर उस के पास आई और पूछा, “टोटो, तुम अपनी साइकिल पर तिरंगा झंडा लगा कर कहां जा रही हो?”

time-read
5 mins  |
January Second 2025
हमारा संविधान
Champak - Hindi

हमारा संविधान

26 जनवरी नजदीक आ रही थी और चंपकवन के निवासी गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियों में व्यस्त थे. सबकुछ ठीक चल रहा था, तभी बैडी सियार के नेतृत्व में वनवासियों के एक ग्रुप ने जंगल के लिए अलग संविधान की मांग शुरू कर दी.

time-read
5 mins  |
January Second 2025